अकृतज्ञता मनुष्यत्व का विष है।

उसकी चमक से सबकुछ प्रकाशमान है।

सत्य का क्रियान्वन ही न्याय है।

दया मनुष्य का स्वाभाविक गुण है।

विश्वास और आशावाद संक्रामक हैं।

बुद्धि आश्चर्य में शुरू होती है।

ख़ामोशी महान शक्ति का एक स्रोत है।

दूसरों के लिए जीना ही असल जीना है।

पाप से नफरत करो पापी से प्यार करो।

प्राणियों के लिए चिंता ही ज्वर है।

जहाँ भी मानवता है वहां दयालुता है।

असफल कोई कार्य होता है इंसान नहीं।

बिना मांगे किसी को कोई मशवरा मत दो।

आशावाद और मूर्खता लगभग पर्याय हैं।

बिना मेहनत के सिर्फ झंखाड़ उगते है।