ना कभी मुस्कुराहट तेरे होंठों से दूर हो; तेरी हर ख्वाहिश हक़ीकत को मंज़ूर हो; हो जाए जो तू मुझसे खफा; खुदा ना करे मुझसे कभी ऐसा कसूर हो।
Like (3) Dislike (0)
ना कभी मुस्कुराहट तेरे होंठों से दूर हो; तेरी हर ख्वाहिश हक़ीकत को मंज़ूर हो; हो जाए जो तू मुझसे खफा; खुदा ना करे मुझसे कभी ऐसा कसूर हो।
Your Comment