वो मेरा दोस्त जो खुदा सा लगता है; दिल के पास है पर फिर भी जुदा सा लगता है; बहुत दिनों से आया नहीं कोई पैगाम उसका; शायद किसी बात पे हमसे ख़फ़ा सा लगता है।
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वो मेरा दोस्त जो खुदा सा लगता है; दिल के पास है पर फिर भी जुदा सा लगता है; बहुत दिनों से आया नहीं कोई पैगाम उसका; शायद किसी बात पे हमसे ख़फ़ा सा लगता है।
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