हर सजदा आपका मंज़ूर-ए-खुदा हो जाये; आपकी दुआओं पर रब की रज़ा हो जाये; करते हैं हम भी दुआ इस महे रमज़ान में; कि आपकी ज़िंदगी से लफ़्ज़-ए-ग़म फ़ना हो जाये। रमज़ान मुबारक़

हम आपको याद करते हैं; महे रमज़ान में यही फरियाद करते हैं; बख्शे हर गुनाह ख़ुदा सब के; बस यही दुआ करते हैं। रमज़ान मुबारक़!

तू अगर मुझे नवाज़े तो तेरा करम है मौला; वरना तेरी रहमतों के क़ाबिल मेरी बंदगी नहीं। रमज़ान मुबारक़।

खुशियों का आपको पैगाम भेज रहे हैं; दुआओं से भरा ये सलाम भेज रहे हैं; खुदा के इस पाक महीने में; आपको हम दुआ-ए-रमजान भेज रहे हैं!

ऐ चाँद उनको मेरा ये पैग़ाम कहना; ख़ुशी का दिन और हँसी की शाम कहना; जब देखें बाहर आकर वो तुझे; मेरी तरफ से उनको मुबारक़ रमज़ान कहना।

तुम हमारे दिल के करीब हो; हम से दूर होकर भी अज़ीज़ हो; दुआओं में याद कर लेना हमें भी कभी; शायद आपकी दुआ में हमारा नसीब हो। रमज़ान मुबारक़!

अगर तुम अपने रब पे बहुत भरोसा करते हो तो; ये भी जान लो कि; तुम्हारा रब इस भरोसे को कभी टूटने नहीं देगा। रमजान मुबारक!

मेरे खुदा तेरा शुक्रिया; मेरे खुदा तेरा रहम; मेरी दुआ है बस तुझसे ए मुर्शिद मेरे कि हमेशा रहे मुझ पर तेरा करम। रमजान मुबारक!

बे-जुबान को जब वो जुबां देता है; पढ़ने को फिर वो कुरान देता है; बक्शने पे आये जब उम्मत के गुनाहों को; तोहफे में गुनाहगारों को रमजान देता है!

चाँद की पहली दस्तक पे; चाँद मुबारक कहते हैं; सबसे पहले हम आपको; रमदान मुबारक कहते हैं!

रमदान का चाँद देखा रोज़े की दुआ माँगी; रौशन सितारा देखा आप की खैरियत की दुआ माँगी। रमदान मुबारक!

ए चाँद उनको मेरा पैगाम कहना; ख़ुशी का दिन और बरकत का धाम कहना; जब वो देखें बाहर आ कर आपको तो उनको मेरी तरफ; मुबारक हो रमजान कहना!

वक्त तू परिंदे की तरह है उपहार बन जाएगा; गया वक्त फिर कभी नहीं वापस आयेगा; कर लो दिल भर के नेकियाँ रमदान मेरा; रमदान तू मेहमान है चला जाएगा!

रमज़ान का मुबारक़ महीना; अल्लाह की इबादत का महीना; मोहब्बत उस महबूब की; अहमियत उस खुदाई इल्म की; यही है राह-ए-खुदाई का महीना; मुबारक़ हो आपका रमज़ान का महीना।

रमदान का चाँद देखा; रोज़े की दुआ मांगी; रोशन सितारा देखा; आपकी खैरियत की दुआ मांगी। रमदान मुबारक!