कितनी जल्दी ये अरमान गुजर जाता है; प्यास लगती नहीं इफ्तार गुजर जाता है; हम गुनाहगारों की मगफिरत कर मेरे अल्लाह; इबादत होती नहीं और रमदान गुजर जाता है।
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कितनी जल्दी ये अरमान गुजर जाता है; प्यास लगती नहीं इफ्तार गुजर जाता है; हम गुनाहगारों की मगफिरत कर मेरे अल्लाह; इबादत होती नहीं और रमदान गुजर जाता है।
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