बख्शीश का फिर से सामान आ गया; कर लो ख़ातिर-तवज्जो मेहमान आ गया; बढ़ गयी हैं मस्जिद की रौनकें; मुबारक़ हो सबको रमदान आ गया। रमज़ान मुबारक़!
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बख्शीश का फिर से सामान आ गया; कर लो ख़ातिर-तवज्जो मेहमान आ गया; बढ़ गयी हैं मस्जिद की रौनकें; मुबारक़ हो सबको रमदान आ गया। रमज़ान मुबारक़!
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