कहने को ही मैं अकेला हूं पर हम चार है
एक मैं मेरी परछाई मेरी तन्हाई और तेरा एहसास

हद से बढ चुका है आपका नजर-अंदाज करना,,
ऐसा सलूक ना करो के हम भूलने पर मजबूर
हो जाए...!!

ना जाने कहाँ गुजरता है अब वक्त उनका…..जिनके लिये कभी हम वक्त से भी ज्यादा कीमती थे…

तुम न लगा पाओगे अंदाजा मेरी बर्बादियों का
तुमने देखा ही कहा है मुझे शाम होने के बाद

माना तेरे मेरे बीच में दुरिया बढ़ गयी हे
मगर आज भी तेरे हिस्से का वक़्त तनहा गुजरता है

लफ्ज होते हैं इंसान का आईना शक्ल का क्या
वो तो उम्र और हालात के साथ अक्सर बदल जाती है

AKELA रहने का भी एक अपना ही मज़ा है मेरे दोस्त क्योंकि यकीन होता है की कोई छोड़ कर नही जायेगा🙇

खूबसूरती से धोका न खाइये जनाब
तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो मांगती तो खून ही है
G.R..s

सोचते है, अब हम भी सीख ले यारों बेरुखी करना,,,,,,
सबको मोहब्बत देते-देते, हमने अपनी कदर खो दी है,,,,,,!

सिखा दिया दुनिया ने मुझे,
अपनों पे भी शक करना,
मेरी फितरत में तो था,
गैरों पे भरोसा करना …

बड़ी गुस्ताख है तुम्हारी याद,
इसे तमीज सिखा दो
दस्तक भी नहीं देती,
और दिल में उतर जाती है .

रूलाने मे अक्सर उन्ही लोगो का हाथ होता है
जो हमेशा कहते है कि तुम हँसते हुए बहुत अच्छे लगते हो

आँसू निकल पड़े ख्वाब में उसको दूर जाते देखकर
आँख खुली तो एहसास हुआ इश्क़ सोते हुए भी रुलाता है !

बहुत खो चुका हूँ अब खोने की ताकत नही मुझमें या रब्बा
ये जो कुछ लोग मेरे है उन्हें मेरा ही रहने दे

इतना आसान नहीं है जीवन का हर किरदार निभा पाना
यहाँ खुद को बिखेरना पड़ता है रिश्तों को समेटने के लिए