हर दर्द की पहचान होती है
ख़ुशी चंद लम्हों की मेहमान होती है
वही बदलते हैं रुख हवाओं का
जिनके इरादों में जान होती हैं
हर दर्द की पहचान होती है
ख़ुशी चंद लम्हों की मेहमान होती है
वही बदलते हैं रुख हवाओं का
जिनके इरादों में जान होती हैं
क्या जनवरी क्या फरवरी
क्या कहें नवंबर और दिसंबर को
जब गर्लफ्रेंड ही नही हैं हमारे तो आग लगे इस केलेंडर को
हमारे चाहने वाले यही गिला करते है,
की हम उनसे कम मिला करते है,
लेकिन वह नादान क्या जाने
की सितारे दूर से ही रौशनी दिया करते है!
तुझे भुलकर भी ना भूल पाएंगे हम,
बस यही एक वादा निभा पाएंगे हम,
मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकीन,
तेरा नाम दिल से ना मिटा पाएंगे हम
रब कहता है किसी को तकलीफ दे कर मुझसे अपनी खुशी की दुआ मत करना…
लेकिन अगर किसी को एक पल की खुशी देते हो,
तो अपनी तकलीफ की फिक्र मत करना…!!!
दिल करता है जिंदगी तुझे दे दू,
जिंदगी की सारी खुशी तुझे दे दू,
दे दे अगर तू मुझे भरोसा अपने साथ का,
तो यकीन मान अपनी साँसे भी तुझे दे दू
हस्ती मिट जाती है आशियाँ बनाने मे
बहुत मुस्किल होती है अपनो को समझाने मे
एक पल मे किसी को भुला ना देना
ज़िंदगी लग जाती है किसी को अपना बनाने मे
अक्सर दोस्ती करने वाले,
अपने दोस्त की तारीफ करते रहते हैं
ताकि वो उनसे जुदा न हो जाये.
हम इसलिए खामोश रहते हैं,
ताकि उन पर कोई और फ़िदा न हो जाये.
खुदा अगर मेरी आखिरी ख्वाहिश पूछे
तो तेरी हँसी माँग लूं
आखरी दुआ पूछे
तो तेरे लिए खुशी माँग लूं
दुबारा जनम दे
तो पहले मैं तेरा प्यार माँग लूं.
मुझको ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहीं,
फिर भी खुश हूँ मुझे उस से कोई गिला नहीं,
और कितने आंसू बहाऊँ उस के लिए,
जिसको खुदा ने मेरे नसीब में लिखा ही नहीं।
दुनिया में कोई भी चीज़ अपने आपके लिए नहीं बनी..
जैसे..
दरिया – खुद अपना पानी नहीं पीता ।
पेड़ – खुद अपना फल नहीं खाते ।
सूरज – अपने लिये प्रकृति का पोषण नहीं करता ।
फूल – अपने लिये खुशबु नहीं बिखेरते ।
पता है क्यों ?
.
“क्यों कि दूसरों के लिए जीना ही जिंदगी है”
हो अगर कोई गिला तो मुझसे कहो
यूँ चुप रह कर इम्तेहान न लो
शायरी करनी है तो मुहब्बत कर
दिल के जख्म जरूरी है शायरी के लिए
फरियाद कर रही है तरसी हुई निगाह
किसी को देखे हुये अरसा हो गया है