सारी रात ना सोये हम; रातों को उठ कितना रोये हम; बस एक बार मेरा कसूर बता दे तू; कि इतना प्यार करके भी क्यों ना किसी के हुए हम!

दीप जलते जगमगाते रहे हम आपको आप हमें याद आते रहे! जब तक ज़िन्दगी है दुआ है हमारी! आप चाँद की तरह जगमगाते रहे! (शुभ दीपावली)

दुनिया का दस्तूर ही कुछ अजीब है दौलत चाहे कितनी भी बेईमानी से आये; लेकिन उसकी रखवाली के लिए सबको ईमानदार शख्स ही चाहिए।

शायद फिर से वो तकदीर मिल जाए; जीवन का सबसे हसीं पल मिल जाए; चल फिर से बनायें सागर पे रेत का मकान; शायद वापिस अपना बचपन मिल जाए।

कागज की कश्ती थी पानी का किनारा था; खेलने की मस्ती थी दिल ये आवारा था; कहां आ गए इस समझदारी के दल-दल में; वो नादान सा बचपन ही सबसे प्यारा था।

मंजिल की तरफ बढ़ते चलो; जो दिल कहे उसी राह को चुनो; पीछे वालों को आगे न आने दो; और जो आगे हैं उनसे आगे निकलो; तभी एक अच्छे ट्रक ड्राईवर बनोगे!

लोग हर मंजिल को मुश्किल समझते हैं; हम हर मुश्किल को मंजिल समझते हैं; बड़ा फर्क है लोग और हमारे नजरिए में; लोग दिल को दर्द और हम दर्द को दिल समझते हैं।

ना तो इतने कड़वे बनो की कोई थूक दे; और; ना ही इतने मीठे बनो की कोई निगल जाये।

मुझे लोगों का शरीर उतना आकर्षित नहीं करता... जितना की शरीर लोग आकर्षित करते है।

पहचान कहाँ हो पाती है अब इंसानों की; अब तो गाडी कपडे और जूते लोगों की औकात तय करते हैं।

महिलाओं को यौन शोषण से बचना सिखाने से बेहतर है कि समाज में फैली विकृतियों को मिटाना।

बहु: मम्मी जी मैं आपको घर के काम मैं मदद करूँ? सास: क्यों बेटी तेरा नेट बंद हो गया है क्या?

और बताओ वाले सदाबहार डायलॉग के बाद आजकल हर किसी की ज़ुबान पर नया डायलॉग आया है ठंड कैसी है वहाँ?

पिचकारी की धार गुलाल की बौछार अपनों का प्यार यही है होली का त्यौहार! होली की आपको हार्दिक शुभकामनायें!

जब भी खुदा से कुछ मांगो तो दिमाग नही नसीब मांगना; क्योंकि मैंने दिमाग वालों को नसीब वालों के यहाँ काम करते देखा है!