लिखा था राशि में आज खजाना मिल सकता हे
की अचानक गली में दोस्त पुराना दिख गया

सिर्फ तूने ही कभी मुझको अपना न समझा
जमाना तो आज भी मुझे तेरा दीवाना कहता है

लिखा था राशि में आज खजाना मिल सकता हे
की अचानक गली में दोस्त पुराना दिख गया

सांसों ने छुआ जिस दिन से तेरी सांसों को
मेरी रातों की नींद हड़ताल पर चली गई

लिखा था राशि में आज खजाना मिल सकता हे
की अचानक गली में दोस्त पुराना दिख गया

बुलंदी तक पहुंचना चाहता हूँ मै भी
पर गलत राहो से होकर जाऊ इतनी जल्दी भी नही

मेरी बहादुरी के किस्से मशहुर थे शहर में
तुझे खो देने के डर ने कायर बना दिया

मैंने कब कहा कीमत समझो तुम मेरी
अगर हमें बिकना ही होता तो आज यूँ तनहा न होते

ख्वाईशे कम पड गई तो ख्वाबो को जुटा दीया
कुछ वो लुट गए कुछ हमने खुद लुटा दिया

कितनी खूबसूरत हो जाती है उस वक्त दुनिया
जब कोई अपना कहता है तुम याद आ रहे हो

मोहब्बत के हवाले से बहुत जालिम हो तुम ,
तोड़ देते हो मुझें अपने वादें की तरह

जीने की तमन्ना तो बहुत है मुझे....
मगर कोई आता ही नहीं जिंदगी में जिंदगी बनकर....

नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं रात भर
कसूर तो उस चेहरे का है जो सोने नही देता

सुकून मिलता है दो लफ़्ज़ों को कागज पर उतार कर
चीख भी लेते हे और आवाज भी नही आती

🙏चले जाऐंगे तुझे तेरे हाल पर छोड कर, कदर क्या होती हे ये तुझे वक्त बता देगा। 🙏