हाल भी पूछा तो इन आँखों में आँसू आ गए
ज़िन्दगी के हादसे तस्वीर बन कर याद आ गए

वो जिधर देख रहे हैं सब उधर देख रहे हैं
हम तो बस देखने वालों की नजर देख रहे हैं

उसकी हर गलती माफ हो जाती है,
जब वो मुस्कुरा कर पुछती है
करवु छे आजे....?...😜
😜😜

तहज़ीब में भी उसकी क्या ख़ूब अदा थी..
नमक भी अदा किया तो ज़ख़्मों पर छिड़ककर..

ख्वाईशे कम पड गई तो ख्वाबो को जुटा दीया,
कुछ वो लुट गए कुछ हमने खुद लुटा दिया !

सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर

शुबह हुई कि छेडने लगा है सूरज मुझको । कहता है बडा नाज़ था अपने चाँद पर अब बोलो ।।

सुबह हुई कि छेडने लगा है सूरज मुझको । कहता है बडा नाज़ था अपने चाँद पर अब बोलो ।।

मेरे दिल की हालत भी मेरे वतन
जैसी है...
जिसको दी हुकुमत उसी ने बर्बाद
किया...

तुझसे अच्छे तो जख्म हैं मेरे
उतनी ही तकलीफ देते हैं जितनी बर्दास्त कर सकूँ

तुझसे अच्छे तो जख्म हैं मेरे
उतनी ही तकलीफ देते हैं जितनी बर्दास्त कर सकूँ

एक स्टिंग मेरे दिल का भी हो जाता...
तुम्हें पता तो चलता, कितना प्यार है तुमसे❤

नरम नरम फूलों का रस निचोड़ लेती है
पत्थर के दिल होते है तितलियों के सीने में

तेरी मजबूरियाँ भी होंगी चलो मान लेते है
मगर तेरा वादा भी था मुझे याद रखने का

अगर मालूम होता की इतना तड़पाता है इश्क,
तो दिल जोड़ने से पहले हाथ जोड़ लेते।