बुरे हैं ह़म तभी तो ज़ी रहे हैं
अच्छे होते तो द़ुनिया ज़ीने नही देती

वो आँखें झुक गयीं मुझे देख कर
यकीनन उसने कभी मुझे चाहा तो ज़रूर होगा

बुरे हैं ह़म तभी तो ज़ी रहे हैं
अच्छे होते तो द़ुनिया ज़ीने नही देती

सिलसिला वफाओं का एक नया चलाया मैंने
न उसको याद रखा न ही भुलाया मैंने

अक्सर पूछते है लोग किसके लिए लिखते हो
अक्सर कहता है दिल काश कोई होता

किसी पर मर जाने से शुरु होती है मोहब्बत
इश्क जिन्दा लोगों का काम नही

राज ज़ाहिर ना होने दो तो एक बात कहूँ
मैं धीरे धीरे तेरे बिन मर जाऊँगा

देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना
नफरत बता रही है तूने मोहब्बत गज़ब की थी

शायरी से भरे पन्नों को छूकर देखा है कभी...
कोई दिल वहाँ भी धड़का करता है.. .

मैं जख्म जख्म हूँ जाकर मिलू कीससे ? नमक से तर कपडे यहाँ सब पहेने हुए हैं..

हुस्न वाले जब तोड़ते हैं दिल किसी का, बड़ी सादगी से कहते है मजबूर थे हम..!

ये बात कैसे गंवारा करेगा दिल मेरा
कि तेरा नाम किसी गैर की जुबान पे हो

आपको ज़ीद हे अगर हमे भूलने की तो, हमे भी ज़ीद हे आपको अपनी याद दिलाने की !!

वो आँखें झुक गयीं मुझे देख कर,
यकीनन उसने कभी मुझे चाहा तो ज़रूर होगा!

सितम सब सह लिए तेरे दिल और रूह ने पर
थोड़ा स्वाभिमान अभी बाकी है मुझमें