काश वो दिन अब और जल्दी आये
जब मन की आखो से अच्छी तरह से तुम्हे निहार सकूं

रात को आजाद हो जाते हैं जाने किस तरह
सारा दिन रखता हूँ मै तो आंसू बाँध कर

कब दोगे निज़ात हमे रात भर की तन्हाई से
ए-इश्क रहम कर मेरी उम्र ही क्या है

ख़ता ये नहीं कि उसने भूला क्यों दिया
सवाल ये है कि वो मुझे अब याद क्यों है

मै जिसकी आंख का काजल बना रहा वर्षो
वो बुंद-बुंद कर ज़मी पर गिरा रहा है मुझ

टुट सा गया है मेरी चाहतो का वजूद
अब कोई अच्छा भी लगे तो हम इजहार नही करते

अपनी कहे अपनी सुने अपने लिए जिए मरे ,
.
ऐसे सनम से दिल लगाना छोड़ दिया है !

उसने जब से कहा है उस दिन दूर चली जाउंगी
ऐसा लगता है मौत का दिन तय हो गया हो

मुझसे खुशनसीब हैं मेरे लिखे ये लफ्ज
जिनको कुछ देर तक पढ़ेगी निगाहे तेरी

आज एक टुटा हुआ आईडीया का सिम मिला सडक पर
लगता है कोई iin स्टुडेंट फैल हो गया

तेरे बाद किसी को प्यार से ना देखा हमने,
हमें इश्क का शौक है, आवारगी का नही..

मुझसे खुशनसीब हैं मेरे लिखे ये लफ्ज
जिनको कुछ देर तक पढ़ेगी निगाहे तेरी

आँखों से पानी गिरता है तो गिरने दीजिये
कोई पुरानी तमन्ना पिघल रही होगी

यहा वक्त पर आनेवाले की कोई किमत नही होती
देर से आने वालो को लोग Super Star कहते है

बाल सफेद करने में जिंदगी निकल जाती हैं !
काले तो आधे घंटे में हो जाते हैं !!