ख्वाब दिल ने तुझे पाने के देख लिये
वरना खुशमिजाज हुआ करते थे हम भी कभी

तुम सो जाओ अपनी दुनिया में आराम से
मेरा अभी इस रात से कुछ हिसाब बाकी है

एक पहचानी सी दस्तक हुई दरवाजे पर
मैं तभी समझ गया की तेरी याद ही आई होगी

ऐ खुदा मुसीबत मैं डाल दे मुझे
किसी ने बुरे वक़्त मैं आने का वादा किया है

तुम्हे कया पता किस दर्द में हुँ में
जो कभी लिया नही उस कर्ज में हुँ में

हम तो फिरते थे उसकी तस्वीर ले लेकर दर बदर
उसे आज तक ना प्यार दिखाना आया

जिन लम्हो का जिक्र आज तू हर एक से करती है
उनसे रुबरु तो हमने कराया था ना

सुधरी हे तो बस मेरी आदते वरना मेरे
शौक वो तो आज भी तेरी औकात से ऊँचे हैं

जिन लम्हो का जिक्र आज तू हर एक से करती है
उनसे रुबरु तो हमने कराया था ना

पतंग सी हैं जिंदगी कहाँ तक जाएगी
रात हो या उम्र एक ना एक दिन कट ही जाएगी

रगों मे दौडने फिरने के नहीं हम कायल
जो आॅख से ही न टपके वो आंंसू क्या है

हम तो अब भी खडे है तेरे इनतजार मे,
उसी राह मे बेसबब बेइनतहा मोहब्बत लिए..

प्यार था, मुहब्बत था, इश्क़ था, अदा था,
वफ़ा भी होती तो क़यामत था वो शख़्स

बताँऊ तुम्हें एक निशानी उदास लोगों की
कभी गौर करना यें हसंते बहुत हैं

अभी शीशा हूँ सबकी आँखों में चुभता हूं
जब आईना बनूँगा सारा जहाँ देखेगा