कहीं तुम भी न बन जाना किरदार किसी किताब का
लोग बड़े शौक से पड़ते है कहानिया बेवफाओं की
कहीं तुम भी न बन जाना किरदार किसी किताब का
लोग बड़े शौक से पड़ते है कहानिया बेवफाओं की
इससे बढ़कर तुझे और कितना करीब लाँऊ मैं
तुझे दिल में रखकर भी तुझ बिन मेरा दिल नहीं लगता
हँसकर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर थी मेरी
पर कोई हुनर काम नहीं आता जब तेरा नाम आता है
खुशी में मदहोश और गम में मायूस मत होना
ये वक्त बड़ा खिलाड़ी है हर रोज़ अपनी चाल बदलेगा
मैंने भी दिल के दरवाजे पर चिपका दी है एक चेतावनी
फ़ना होने का दम रखना तभी भीतर कदम रखना
हसीन आँखों को पढ़ने का अभी तक शौक है मुझको
मुहब्बत में उजड़ कर भी मेरी ये आदत नहीं बदली
कुछ इस तरह वो मेरी बातों का ज़िक्र किया करती है.... सुना है वो आज भी मेरी फिक्र किया करती है....!!
जो दिलो में शिकवे और जुबान पर शिकायते कम रखते है
वो लोग हर रिश्ता निभाने का दम रखते हैं
ज़िंदा हो तो ताकत रखो बाज़ुओ में लहरो से लड़ने की
क्योकि लहरो के साथ बहना तो लाशो का काम है
"कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ..
की खुदा नूर भी बरसाता है ... आज़माइशों के बाद".!!!
बना दो वज़ीर मुझे भी इश्क़ की दुनिया का दोसतों,
वादा है मेरा हर बेवफा को सजा ऐ मौत दूंगा
गल्हतफ़हमी की गुंजाईश नहीं सच्ची मुहब्बत में
जहाँ किरदार हल्का हो कहानी डूब जाती है
मैं मर भी जाऊ तो उसे ख़बर भी ना होने देना
मशरूफ़ सा शख्स है कही उसका वक़्त बर्बाद ना हो जाये
मत पूछो यारो ये इश्क केसा होता है
बस जो रुलाता है ना उसे ही गले लगाकर रोने को जी चाहता है
बिखरा वजूद टूटे ख्वाब सुलगती तन्हाइयाँ
कितने हसीन तोहफे दे जाती है ये अधूरी मोहब्बत