किसी दोस्त के घर जा कर बहार से उसे आवाज दो तो
घर वाले बहार आ कर ऐसे देखते हैं जैसे हम तालिबान से आये
हो और कही बम्ब धमाका करने जा रहे हो

बेताब से रहते हे तेरी याद मे अक्सर रात भर नही सोते तेरी याद मे अक्सर
जिस्म मे दर्द का बहाना सा बना के हम टूट के रोते हे तेरी याद मे अक्सर

वो पगली आज बरसो बाद मिली तो गले लगकर खूब रोई में हल्का सा मुस्कुराया
और बोला तुम वही होना जिसने कहा था तुम्हारे जैसे तो हजारो मिलेंगे

अश्क बन कर आँखों से बहते हैं बहती आँखों से उनका दीदार करते हैं
माना की ज़िंदगी मे उन्हें पा नही सकते फिर भी हम उनसे बहुत प्यार करते हैं

वो मेरे नहीं ये बताना अजीब लगता है
अब उससे आंख मिलाना अजीब लगता है
चाहते थे जिसका हाथ थामना
अब उसको हमसे हाथ मिलाना भी अजीब लगता है

जो जितना दूर होता है नज़रो से उतना ही वो दिल के पास होता है
मुस्किल से भी जिसकी एक ज़लक देखने को ना मिले वही ज़िंदगी मे सबसे ख़ास होता है

जो जितना दूर होता है नज़रो से उतना ही वो दिल के पास होता है
मुस्किल से भी जिसकी एक ज़लक देखने को ना मिले वही ज़िंदगी मे सबसे ख़ास होता है

जरुरी नहीं कि इंसान प्यार की मूरत हो,
सुंदर और बेहद खूबसूरत हो,
अच्छा तो वही इंसान होता है,
जो तब आपके साथ हो,
जब आपको उसकी जरुरत हो।

तेरे प्यार का सिला हर हाल में देंगे;
खुदा भी मांगे ये दिल तो टाल देंगे;
अगर दिल ने कहा तुम बेवफ़ा हो;
तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे।

महक होती तो तितलियाँ जरूर आती,
कोई रोता तो सिसकियाँ जरूर आती,
कहने को तो लोग मुझे बुहत याद करते है,
मगर याद करते तो हिचकियाँ जरूर आती..!!

जमीन अच्छी हो खाद अच्छा हो
पर पानी अगर खारा हो तो फूल खिलते नहीं
भाव अच्छा हो विचार भी अच्छा हो
मगर वाणी खराब हो तो संबंध भी टिकते नहीं

आज तेरी याद हम सीने से लगा कर रोये
तन्हाई मैं तुझे हम पास बुला कर रोये
कई बार पुकारा इस दिल में तुम्हें
और हर बार तुम्हें ना पाकर हम रोय

लड़के की जमकर पिटाई करने के बाद लोगो ने
लडकी और उसकी स्कूटी को उठा कर पूछा कहीं चोट तो नहीं लगी
लडकी- नहीं रोज का काम है स्कुटी सीख रही हूं

हवा के झोंकों का हिसाब क्या रखना
जो निकल जाए वक्त उसे याद क्या रखना
बस यही सोच कर हंसता हूं मैं
के अपने गमों से दुनिया को उदास क्या रखना

अगर चीन को हरियाणा की सीमा लगती तो
हमारे हरियाणे की लेडीज ही बिटोङे बना बना कर आधे चीन पर कब्जा कर लेती
और चीन का कब्जे से भरोसा ही उठ जाता