किसी को अपना बनाने का हुनर है तुममें
काश किसी का बनकर रहने का हुनर भी होता
किसी को अपना बनाने का हुनर है तुममें
काश किसी का बनकर रहने का हुनर भी होता
शक तो था के मोहब्बत मेँ नुक्सान होगा
पर यकीन नहीँ था के सारा हमारा ही होगा
मैंने पूछा क्यूँ आये.. मेरी जिंदगी में..??
पास आये और धीरे से बोले दिल दुखाने...
तेरे दिल तक पहुँचे मेरे लिखे हर लब्ज
बस इसी मकसद से मेरे हाथ कलम पकड़ते है
आधे घन्टे भी दूरदर्शन देख लो तो
एचआईवी की जाँच करा लेने का मन करने लगता है
तू सचमुच जुड़ा है गर मेरी जिंदगी के साथ
तो कबूल कर मुझको मेरी हर कमी के साथ
मुझे यकीन है मोहब्बत उसी को कहतें
है
!
के जख्म ताजा रहें निशान चला जाये
बस के कन्डक्टर सी हो गयी है जिन्दगी
सफ़र भी रोज़ का है और जाना भी कहीं नहीं
!!!...कल तुझसे बिछड़नेका फैसला कर लिया था...!!!!!!...आज
अपने ही दिल को रिश्वत दे रहा हूँ...!!!
अगर हम किसी के दीवाने हो जाये
तो जरूरी नही है कि वो भी हमारा दीवाना हो जाये
फिर वफायें भी करोगे तो कोई ना पूछेगा
ये सारे सितम मेरे मर जाने तक ही हैं बस
सारी फितरत तो नकाबों में छुपा रखी थी;सिर्फ तस्वीर उजालों में लगा रखी थी।
शुबह हुई कि छेडने लगा है सूरज मुझको
कहता है बडा नाज़ था अपने चाँद पर अब बोलो
मैं ज़िंदगी की दुआ माँगने लगा हूँ बहुत,
जो हो सके तो दुआओं को बेअसर कर दे।।
दुनिया ने किस का राह-ए-वफ़ा में दिया है साथ; तुम भी चले चलो यूँ ही जब तक चली चले।