माँ की दुआओं मे जन्नत है माँ के आँचल मे स्वर्ग है
जिसकी ऊँगली पकड़ तू चला तू आज इतना सक्षम हो गया कि तुझे आज वो बोझ लगी
माँ की दुआओं मे जन्नत है माँ के आँचल मे स्वर्ग है
जिसकी ऊँगली पकड़ तू चला तू आज इतना सक्षम हो गया कि तुझे आज वो बोझ लगी
हालांकि किसी की माँ ने कभी तंत्र विद्या नहीं सीखी है
पर जिस लड़की पर उनका बेटा फ़िदा होता है
माँ एक नजर में बता देती है कि ये चुड़ैल है
थक गया हु रोटी के पीछे भाग भाग कर
थक गया हु सोती रातो मै जाग जाग कर
काश मिल जाये वही बीता हुआ बचपन
जब माँ खिलाती थी भाग भाग कर
और सुलाती थी जाग जाग कर
वो माता-पिता ही हैं
जिनसे आपने मुस्कुराना सीखा
मैं क्या लिखूँ जिसकी कद्र जमाना करे
ये सोच आज माँ लिख दिया
मां जब भी दुआएं मेरे नाम करती है
रास्ते की ठोकरें मुझे सलाम करती हैं
मिट्टी के खिलौने भी सस्ते न थे मेले में
घर आके बहुत रोए माँ बाप अकेले में
लौट आती है बेअसर मेरी माँगी हुई हर दुआ...
जाने कौन से आसमान पर मेरा खुदा रहता है।
रूह के रिश्तों की ये गहराईयाँ तो देखिये
चोट लगती है हमें और चिल्लाते हैं माँ
G.R..s
देश मेरा क्या बाजार हो गया है
पकड़ता हूँ जो तिरंगा हाथ में लोग पूछते हैं कितने का है
Er kasz
पूछता है जब कोई मुझसे कि दुनिया में अब मोहब्बत बची है कहाँ
मुस्कुरा देता हूँ मैं और याद आ जाती है माँ
वौ नीन्द सबसै मीठी कहलाती है
जब मां मैरै बाल सहलाती है
घेर लेने को मुझे जब भी बलाएँ आ गईं
ढाल बन कर सामने माँ की दुआएँ आ गई
हफ्ते भर की थकान मिटाने वाला ये रविवार
मेरी माँ के लिए नही आता कभी
ना उसका कसुर था ना मेरा यारो
बस मां-बाप के संसकारो ने हमें जुदा कर दिया