वो मेरा दोस्त जो खुदा सा लगता है; दिल के पास है पर फिर भी जुदा सा लगता है; बहुत दिनों से आया नहीं कोई पैगाम उसका; शायद किसी बात पे हमसे ख़फ़ा सा लगता है।

कोई अच्छी सी सज़ा दो या न दो मुझको; तुमसे रिश्ता टूटे उस दिन मौत आ जाए मुझको; हो सके तो दिल की गहराईयों से माफ़ करना मुझको!

हम रूठें तो किस के भरोसे; कौन है जो आएगा हमें मनाने के लिए; हो सकता है तरस आ भी जाए आपको; पर दिल कहाँ से लाऊँ आपसे रूठ जाने के लिए।

हमसे अगर गिला हो जाये तो माफ़ करना; याद ना कर पाये तो माफ़ करना; दिल से तो हम आपको कभी भूलते नहीं; पर यह दिल ही रुक जाये तो माफ़ करना।

तुम हंसती हो मुझे हंसाने के लिए; तुम रोती हो मुझे रुलाने के लिए; तुम एक बार रूठकर तो देखो हमसे; मर जाऊंगा तुम्हें मनाने के लिए।

कोई गिला कोई शिकवा न रहे आपसे; यह रिश्ता हमारा ऐसा ही रहे आपसे; माफ़ कर देना अगर हो जाये कोई खता हमसे; ख़फ़ा न होना बस यही फरियाद है आपसे।

इस कदर हमारी चाहत का इम्तिहान मत लीजिये; क्यों हो खफा ये बयां तो कीजिये; कर दीजिये माफ़ अगर हो गयी है कोई खता; यूँ याद न आकर सज़ा तो न दीजिये।

दोस्त दोस्त से खफा नहीं होता; प्यार प्यार से जुदा नहीं होता; माफ़ कर दो अब तो तुम मुझ को; क्योंकि इतनी देर तक तो भगवान भी किसी से खफा नहीं होता।

माफ़ी मांगने का मतलब यह नहीं होता की आप गलत हैं और दूसरा सही है; इसका मतलब यह होता है की आप उस रिश्ते की अपने स्वाभिमान से ज्यादा कद्र करते हैं।

कुछ पल में ज़िंदगी की तस्वीर बन जाती है; कुछ पल में ज़िंदगी की तक़दीर बदल जाती है; कर दो हमे माफ़ तुम ना होना यूँ हमसे खफा ऐ मेरे दोस्त; क्योंकि इसी रुस्वाई से पूरी ज़िंदगी बिखर जाती है।

सोचता हूँ ज़िंदा हूँ मांग लूँ सब से माफ़ी; ना जाने मरने के बाद कोई माफ़ करे या ना करे।

आसमान वीरान है; तारे भी हैरान हैं; माफ़ कर दो मेरी चांदनी मुझको; देखो तेरा चाँद भी तो आंसुओं से परेशान है।

हो गए हो नाराज़ ऐसा हमे लगता है; हो गए हो दूर ऐसा हमे लगता है; थोड़ा याद हमे भी किया करो यार; हम अकेले रह गए ऐसा हमे लगता है।

हमारी हर खता को माफ़ कर देना; हर गिले हर शिकवे को दिल से साफ़ कर देना; अकेले ना सहना कोई भी तकलीफ़; दुःख हो या सुख आधा-आधा कर लेना।

आज कुछ कमी सी है तेरे बगैर; ना रंग है ना रौशनी है तेरे बगैर; इतना मत रूठो अब तो माफ़ कर दो मुझे; क्योंकि धड़कन थम सी गई है तेरे बगैर!