बस तेरी यादों से ही है तारीफ मेरी; वर्ना ये सारा जहान तो मुझे अजनबी सा लगता है!

कब तक इंतज़ार करूँ मैं तेरा; अब इंतज़ार नहीं होता; तूने जो दिल न लगाया होता तो; मेरा ये हाल न होता।

इंतज़ार तो बहुत था हमें; लेकिन आये ना वो कभी; हम तो बिन बुलाये ही आ जाते; अगर होता उन्हें भी इंतज़ार कभी।

नज़र चाहती है दीदार करना; दिल चाहता है प्यार करना; क्या बताएं इस दिल का आलम; नसीब में लिखा है इंतज़ार करना।

नज़र चाहती है दीदार करना; दिल चाहता है प्यार करना; क्या बतायें इस दिल का आलम; नसीब में लिखा है इंतज़ार करना।

मिलने की ख़ुशी ना बिछड़ने का गम; ना तन्हा ना उदास हैं हम; कैसे कहें कैसे हैं हम; बस यूँ समझ लो बहुत अकेले हैं हम।

तुझे देखना चाहती हूँ हर पल; शायद तुझसे बहुत प्यार करती हूँ; कल तक तो तुझे जानती भी न थी; आज तेरा इंतज़ार करती हूँ।

उस नज़र को मत देखो; जो आपको देखने से इनकार करती है; दुनियां की भीड़ में उस नज़र को देखो; जो सिर्फ आपका इंतजार करती है।

सूखी पत्ती से भी प्यार करेंगे; हम तुम पर ऐतबार कर लेंगे; एक बार कह दो तुम हमारे हो; हम सारी ज़िंदगी इंतज़ार कर लेंगे।

आँखों में बसी है प्यारी सूरत तेरी; और दिल में बसा है तेरा प्यार; चाहे तू कबूल करे या ना करे; हमें रहेगा तेरा इंतज़ार।

इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा; रातें कटती हैं लेकर नाम तेरा; मुद्दत से बैठा हूँ पाल के ये आस; कभी तो आएगा कोई पैग़ाम तेरा।

आँखें भी मेरी पलकों से सवाल करती हैं; हर वक़्त आपको ही याद करती हैं; जब तक न देख लें आपको; तब तक बस आप ही का इंतज़ार करती हैं।

इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा; यादें कटती हैं ले ले कर नाम तेरा; मुद्दत से बैठे हैं यह आस पाले; कि कभी तो आएगा कोई पैगाम तेरा।

नज़र चाहती है उनका दीदार करना; दिल चाहता है उनसे प्यार करना; क्या बतायें है इस दिल का आलम; नसीब में लिखा है बस इंतज़ार करना।

कोशिश कीजिये हमें याद करने की; लम्हें तो अपने आप ही मिल जायेंगे; तमन्ना कीजिये हमें मिलने की; बहाने तो अपने आप ही मिल जायेंगे!