भले ही राह चलते तू औरों का दामन थाम ले; मगर मेरे प्यार को भी तू थोड़ा पहचान ले; कितना इंतज़ार किया है तेरे इश्क़ में मैंने; ज़रा इस दिल की बेताबी को भी तू जान ले।

बिन आपके कुछ भी अच्छा नहीं लगता; अब मेरा वजूद भी सच्चा नहीं लगता; सिर्फ आपके इंतज़ार में कट रही है ये ज़िंदगी; वरना अब तक तो मौत के आगोश में सो जाती ये ज़िंदगी।

बड़ी मुश्किल में हूँ कैसे इज़हार करूँ; वो तो खुशबू है उसे कैसे गिरफ्तार करूँ; उसकी मोहब्बत पर मेरा हक़ नहीं लेकिन; दिल करता है आखिरी साँस तक उसका इंतज़ार करूँ।

बड़ी मुश्किल में हूँ कैसे इज़हार करूँ; वो तो खुशबु है उसे कैसे गिरफ्तार करूँ; उसकी मोहब्बत पर मेरा हक़ नहीं लेकिन; दिल चाहता है आखिरी सांस तक उसका इंतज़ार करूँ।

किस्मत से अपनी सबको शिकायत क्यों होती है; जो नहीं मिलता उसी से मोहब्बत क्यों होती है; कितने खाएं हैं धोखे इस मोहब्बत की राहों में; फिर भी आँखें उसी के इंतज़ार में क्यों रोती हैं।