तुम लौट के आयोगे हम से मिलने; रोज दिल को बहलाने की आदत हो गई; तेरे वादे पे क्या भरोसा किया; हर शाम तेरा इंतज़ार करने की आदत हो गई।

फासला मिटा कर आपस में प्यार रखना; हमारा यह रिश्ता हमेशा बरकरार रखना; बिछड़ जाएं कभी आप से हम; आँखों में हमेशा मेरा इंतज़ार रखना।

तड़प कर देखो किसी की चाहत में; पता चलेगा इंतज़ार क्या होता है; यूँ ही मिल जाता बिना कोई तड़पे तो; कैसे पता चलता कि प्यार क्या होता है।

आँखें भी मेरी पलकों से सवाल करती हैं; हर वक़्त आपको ही तो याद करती हैं; जब तक देख न लें चेहरा आपका; तब तक हर घडी आपका इंतज़ार करती हैं।

मोहब्बत का इम्तिहान आसान नहीं; प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं; मुद्दतें बीत जाती है किसी के इंतज़ार में; यह सिर्फ पल दो पल का काम नहीं।

इश्क़ कर देता है बेक़रार; भर देता है पत्थर के दिल में प्यार; हर एक को नहीं मिलती ज़िंदगी की यह बहार; क्योंकि इश्क़ का दूसरा नाम है इंतज़ार।

इश्क कर देता है बेकरार; भर देता है पत्थर के दिल में प्यार; हर एक को नहीं मिलती जिंदगी की ये बहार; क्योंकि इश्क का दूसरा नाम है इंतजार।

भले ही राह चलतों का दामन थाम ले; मगर मेरे प्यार को भी तू पहचान ले; कितना इंतज़ार किया है तेरे इश्क़ में; ज़रा यह दिल की बेताबी तू भी जान ले।

इंतज़ार की आरज़ू अब खो गई है; खामोशियों की आदत सी हो गई है; ना शिकवा रहा ना शिकायत किसी से; अगर है तो एक मोहब्बत जो इन तनहाइयों से हो गई है।

बड़ा अरमान था तेरे साथ जीवन बिताने का; शिकवा है बस तेरे खामोश रह जाने का; दीवानगी इससे बढ़कर और क्या होगी? आज भी इंतज़ार है तेरे आने का!

खुद एक बार उसे यह एहसास दिला दे; कितना इंतज़ार है ज़रा उसे बता दे; हर पल देखते हैं रास्ता उसी का; ना इंतज़ार करना पड़े मुझे ऐसी नींद सुला दे।

हमने ये शाम चिरागों से सजा रखी है; आपके इंतजार में पलके बिछा रखी हैं; हवा टकरा रही है शमा से बार-बार; और हमने शर्त इन हवाओं से लगा रखी है।

तड़प के देखो किसी की चाहत में; तो पता चले कि इंतज़ार क्या होता है; यूँ ही मिल जाये अगर कोई बिना तड़पे; तो कैसे पता चले के प्यार क्या होता है!

किस्मत ने तुमसे दूर कर दिया; अकेलेपन ने दिल को मज़बूर कर दिया; हम भी ज़िंदगी से मुँह मोड़ लेते मगर; तुम्हारे इंतज़ार ने जीने पर मज़बूर कर दिया।

किस्मत ने तुमसे दूर कर दिया; अकेलेपन ने दिल को मज़बूर कर दिया; हम भी ज़िंदगी से मुँह मोड़ लेते मगर; तुम्हारे इंतज़ार ने जीने पर मज़बूर कर दिया।