काँटों से निकले; फूलों में उलझे; नाम बतलाओ; तो समस्या सुलझे।

कान बड़े हैं काया छोटी; कोमल-कोमल बाल; चौकस इतना पकड़ न पाये कोई; बड़ी तेज़ है चाल।

तीन अक्षर का उसका नाम उल्टा-सीधा एक समान; आवागमन का प्रमुख साधन बोलो बच्चो उसका नाम?

दर पे तेरे बैठा हूँ मैं करने को रखवाली; बोलो भैया साथ ले गए क्यों मेरी घरवाली। बताओ क्या?

ऐसी कौन सी जगह है जहाँ पर सड़क है पर गाड़ी नहीं जंगल है पर पेड़ नहीं और शहर हैं पर घर नहीं?

एक लड़का और एक डॉक्टर शॉपिंग कर रहे थे। लड़का डॉक्टर का बेटा था। पर डॉक्टर लड़के का पिता नहीं था। तो डॉक्टर कौन था?

पानी है पर बाहर नहीं; पूंछ है पर बन्दर नहीं; दाढ़ी है पर मूंछ नहीं; आंख है पर जीभ नहीं।

श्रीनगर से चली कानपुर में पकड़ी गई दिल्ली में मुकदमा हुआ नाखुनपुर में मारी गई बताओ क्या?

एक पहेली सदा नवेली; जो बूझो सो जिंदा; जिंदा में से मुर्दा निकले; मुर्दा में से जिंदा।

तीन अक्षर का मेरा नाम मेरी है सीमा अपार; मुझपे चलते वाहन अनेक जल का हूँ मैं भंडार। बताओ क्या?

आँखें हैं पर अंधी हूँ; पैर हैं पर लंगड़ी हूँ; मुँह है पर मौन हूँ; बतलाओ तो मैं कौन हूँ?

हरा आटा लाल परांठा; मिल-जुल कर सब सखियों ने बांटा।

हरा चोर लाल मकान; उसमे बैठा काला शैतान; गर्मी में वह है दिखता; सर्दी में गायब हो जाता! बताओ क्या?

काटते हैं पीसते हैं; बाँटते हैं पर खाते नहीं।

रंग बिरंगा बदन है इसका; कुदरत का वरदान मिला; इतनी सुंदरता पाकर भी; दो अक्षर का नाम मिला; ये वन में करता शोर; इसके चर्चे हैं हर ओर। बताओ कौन?