सो जाइए पलकों में लेकर सपने ढेर सारे; आपको करें सलाम ये चाँद और तारे; खुदा से दुआ करेंगे आज की रात; पूरे हों आपके जो हैं ख्वाब वो सारे। शुभ रात्रि!

कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है; मुस्कुराने के लिए भी रोना पड़ता है; यूं ही नहीं होता है सवेरा; सुबह होने के लिए रात भर सोना पड़ता है! शुभ रात्रि!

क्यों इंसान हँसता है रोने के बाद; जीना फिर भी पड़ता है सब कुछ खोने के बाद; सोचा आज सबको याद कर लूँ; क्या पता आँख ही ना खुले आज सोने के बाद। शुभ रात्रि!

गुरु नानक देव जी द्वारा कहे गए सुनहरे शब्द: तुम सोने से पहले सब को माफ़ कर दिया करो; तुम्हारे जागने से पहले मैं तुम्हे माफ़ कर दूंगा। शुभ रात्रि!

सितारों को भेजा है आपको सुलाने के लिए; चाँद आया है लोरी गाने के लिए; सो जाएं मीठे ख़्वाबों में आप; सुबह सूरज को भेजेंगे आपको जगाने के लिए। गुड नाईट!

आकाश के तारों में खोया है जहां सारा; लगता है प्यारा एक एक तारा; उन तारों में सबसे प्यारा है एक सितारा; जो इस वक़्त पढ़ रहा है संदेश हमारा। शुभ रात्रि!

कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है; मुस्कुराने के लिए रोना भी पड़ता है; यूं ही नहीं हो जाता है सवेरा; सुबह देखने के लिए रात भर सोना पड़ता है। शुभ रात्रि!

रात का चाँद आसमां में निकल आया है; साथ में अपने तारों की बारात लाया है; ज़रा आसमां की ओर तो देखो; वो आपको मेरी ओर से शुभ रात्रि कहने आया है! शुभ रात्रि!

रात है काफी ठंडी हवा चल रही है; याद में आपकी किसी की मुस्कान खिल रही है; उनके सपनों की दुनिया में आप खो जाओ; आँख करो बंद और आराम से सो जाओ। शुभ रात्रि!

चाँद की चाँदनी ने एक पालकी बनाई है; और ये पालकी हमने बड़े प्यार से सजाई है; दुआ है ऐ हवा ज़रा धीऱे से चल; मेरे यार को बड़ी प्यारी सी नींद आयी है। गुड नाईट!

कामयाब होने के लिए मंजिल जरूरी है; और मंजिल तह करने के लिए ख्वाब; ख्वाब देखने के लिए नींद लाज़म है; आप मंजिल की तरफ कदम बढ़ाओ और सो जाओ। शुभ रात्रि।

होंठो पे कभी न कोई सवाल रखियेगा; जिंदगी को हर पल खुशहाल रखियेगा; जिंदगी का तो नाम ही है परेशानियां; इन्हें भुलाकर बस अपना ख्याल रखियेगा। गुड नाईट!

जब आ जाते हैं आँसू तो रो जाते हैं; जब आते हैं ख्वाब तो खो जाते हैं; नींद आंखो में आती नहीं; बस आप ख्वाबो में आओगें; यही सोचकर हम सो जाते हैं। शुभ रात्रि!

चमकते चाँद को नींद आने लगी; आपकी ख़ुशी से दुनिया जगमगाने लगी; देखकर आपको हर कली गुनगुनाने लगी; अब तो फेंकते-फेंकते मुझे भी नींद आने लगी! शुभ रात्रि!

कब उनकी पलकों से इज़हार होगा; दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा; गुज़र रही है रात उनकी यादो में; कभी उनको भी हमारा इंतज़ार होगा। शुभ रात्रि!