मुहब्बत के ये आंसू है इन्हें आँखों में रहने दो
शरीफों के घरों का मसला बाहर नहीं जाता

वक़्त की यारी तो हर कोई करता है मेरे दोस्त
मजा तो तब आये जब वक़्त बदल जाये और यार ना बदले !!

मैने उस से कहा बहुत प्यार आता है तुम पर...
उसने कहा- और तुम गरीब लोगोँ को आता भी
क्या है ??

तुम न लगा पाओगे अंदाजा मेरी बर्बादियों का....
तुमने देखा ही कहा है मुझे शाम होने के बाद...

हर "जुर्म" पे उठती हैं उँगलियाँ मेरी तरफ__
क्या "मेरे" सिवा शहर में "मासूम" हैं सारे।

इतने बुरे ना थे जो ठुकरा दिया तुमने हमेँ
तेरे अपने फैसले पर एक दिन तुझे भी अफसोस होगा

उम्र और ज़िन्दगी में फर्क बस इतना
जो तेरे बिन बीति वो उम्र जो तेरे साथ बीति वो ज़िन्दगी

प्यार की सौदागरी में हम दोनों बराबर रहे
उस ने कुछ खोया नहीं और मैंने कुछ पाया भी नहीं

बारूद मेरे अन्दर का भीग गया मेरे ही आंसुओं से वरना
ये दिल एक बड़ी घटना को अंजाम दे देता

इतना हक ना दे मुझे, हम मौका परस्त है,
जुल्फों को सुलझाते सुलझाते,लबों को चूम लिया करते

" जो तेरी चाह में गुज़री, वही ज़िन्दगी थी,
उस के बाद तो बस, ज़िन्दगी ने गुज़ारा है मुझे"

मौत के मारों को तो सैकड़ो कन्धे मिल जाएंगे
कौन चलता है यहाँ वक्त के मारों के साथ दिल से

मैं झुक गया तो वो सज़दा समझ बैठे
मैं तो इन्सानियत निभा रहा था वो खुद को ख़ुदा समझ बैठे

तुम मुझमे पहले भी थे तुम मुझमे अब भी हो
पहले मेरे लफ्ज़ो में थे अब मेरी खामोशियो में हो

हम गमो को छिपाने का कारोबार करते है
कसूर बस इतना है हम गम देने वाले से ही प्यार करते है