जिन्दगी की राहों में बहुत से यार मिलेगें हम क्या हमसे भी अच्छे हजार मिलेगें
इन अच्छों की भीड में हमे ना भूला देना हम कहॉ आपको बार बार मिलेगें
जिन्दगी की राहों में बहुत से यार मिलेगें हम क्या हमसे भी अच्छे हजार मिलेगें
इन अच्छों की भीड में हमे ना भूला देना हम कहॉ आपको बार बार मिलेगें
इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है, इश्क मेरी रुह, तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी, पर दोस्ती पर, मेरा इश्क भी कुर्बान है
=RPS
हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की, और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की,
शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है,
क्या ज़रूरत थी, तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की !!
तुमसे दोस्ती करने का हिसाब ना आया
मेरे किसी भी सवाल का जवाब ना आया
हम तो जागते रहे तुम्हारे ही ख्यालों में
और तम्हें सो कर भी हमारा ख्वाब ना आया
हकीक़त कहो तो उनको ख्वाब लगता है
शिकायत करो तो उनको मजाक लगता है
कितने सिद्दत से उन्हें याद करते है हम
और एक वो है जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता है
न मिले किसी का साथ तो हमें याद करना
तन्हाई महसूस हो तो हमें याद करना
खुशियाँ बाटने के लियें दोस्त हजारो रखना
जब ग़म बांटना हो तो हमें याद करना
G.R..s
रस्मे वफ़ा निभाना तो ग़ैरत की बात है
वो मुझको भूल जाएँ ये हैरत की बात है
सब मुझको चाहते हैं ये शोहरत की बात है
मैं उसको चाहती हूँ ये किस्मत की बात है
यकीन था कि तुम भूल जाओगे मुझे.,
खुशी है कि तुम उम्मीद पर खरे उतरे.!
पूछा जो हमने किसी और के होने लगे हो क्या ?
वो मुस्कुरा के बोले … पहले तुम्हारे थे क्या .?
लोग हमेंशा मुजसे पुछते है भाई तु कभी भी स्माईल नहि करता क्यों
मै भी ans मे कह देता हू जीस दिन ईस भाई ने स्माईल कर दि ना
उस दिन तेरी वाली भी तुजे भाई हि कहेगी
हम ज़िन्दगी में कभी आपसे खफा हो नहीं सकते
मोहब्बत के रिश्ते बेवफा हो नहीं सकते
आप भले ही हमको याद किये बिना ही सो जाओ
हम आपको याद किये बिना सो नहीं सकते
चाहत में जिस की जमाने को भुला रखा है
ये मालुम नहीं किसे उसने दिल में बसा रखा है
ये मालुम है की वो आसमाँ है और मै जमीन
फिर भी आँखों में उसी का सपना सजा रखा है
टूटे हुए दिल ने भी उसके लिए दुआ मांगी
मेरी साँसों ने हर पर उसकी ख़ुशी मांगी
न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से
के मैंने आखिरी ख्वाहिश में भी उसकी वफ़ा मांग
तुम्हे पाने की हसरत है सिर्फ़ तुम्हे पाने की
और कोई ख्वाईश नही इस दीवाने की
शिकवा मुझे तुमसे नही खुदा से है
क्या ज़रूरत थी तुम्हे इतना खूबसरत बनाने की
तु ही मिल जाए मुझे बस इतना ही काफी है,
मेरी हर सांस ने बस ये ही दुआ मांगी है...
जाने क्यूँ दिल खिंचा चला जाता है तेरी तरफ,
क्या तूने भी मुझे पाने की दुआ मांगी है...! .
काल्पनिक प्यार वास्तविकता प्यार से बेहतर है इसको कभी न करना तो बहुत रोमांचित होता है और सबसे ज्यादा रोमांचित दो अनजान लोगों के बीच प्यार जो कभी मिलते ही नहीं।