जवानी को ज़िंदगी का निखार कहते हैं; पतझड़ को चमन का मजधार कहते हैं; अजीब चलन है दुनिया का यारो; एक धोखा है जिसे हम सब प्यार कहते हैं।
जवानी को ज़िंदगी का निखार कहते हैं; पतझड़ को चमन का मजधार कहते हैं; अजीब चलन है दुनिया का यारो; एक धोखा है जिसे हम सब प्यार कहते हैं।
हमने दिल को लाख समझाया; कि उन्हें याद करना छोड़ दो; पर दिल ने कहा उन्हें कैसे छोड़ दूं; जो सांसों में बसा हो तो सांस लेना कैसे छोड़ दूं।
मेरे प्यार का हिसाब जो लगाओगे; तो मेरे प्यार को बे-हिसाब पाओगे; पानी के बुलबुले सा है मेरा प्यार; ज़रा सी ठेस लगी तो ढूंढते रह जाओगे!
तेरे चेहरे को कभी भुला नहीं सकता तेरी यादों को भी दबा नहीं सकता
आखिर में मेरी जान चली जायेगी मगर दिल में किसी और को बसा नहीं सकता
मेरी हर खता पे नाराज न होना
अपनी प्यारी सी मुस्कान कभी ना खोना
सुकून मिलता है देखकर आपकी हंसी को
मुझे मोत भी आ जाए तो भी न रोना
मित्रता शुद्धतम प्रेम है। ये प्रेम का सर्वोच्च रूप है जहाँ कुछ भी नहीं माँगा जाता कोई शर्त नहीं होती जहाँ बस देने में आनंद आता है।
जिया इतना कि मरना मुश्किल हो गया; हँसे इतना कि रोना मुश्किल हो गया; किसी को पाना किस्मत की बात है; चाहा इतना कि भुलाना मुश्किल हो गया।
क्यों किसी से इतना प्यार हो जाता है; एक पल का इंतज़ार भी दुश्वार हो जाता है; लगने लगते हैं अपने भी पराये; और एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है।
उसके इंतजार के मारे है हम
बस उसकी यादों के सहारे है हम
दुनियाँ जीत के कहना क्या है अब
जिसे दुनियाँ से जीतना था आज उसी से हारे है हम
वो दिल ही क्या जो वफ़ा ना करे तुझे भूल कर जिएं कभी खुदा ना करे
रहेगी तेरी महोब्बत मेरी जिंदगी बन कर वो बात और है, अगर जिंदगी वफ़ा ना करे
तेरी बेरुखी को भी रुतबा दिया हमने; प्यार का हर फ़र्ज़ भी अदा किया हमने; मत सोच कि हम भूल गए हैं तुझे; आज भी खुदा से पहले तुझे याद किया है हमने।
वो पगली आज बरसो बाद मिली तो गले लगकर खूब रोई में हल्का सा मुस्कुराया
और बोला तुम वही होना जिसने कहा था तुम्हारे जैसे तो हजारो मिलेंगे
प्यार किया तो उनकी मोहब्बत नज़र आई; दर्द हुआ तो पलके उनकी भर आई; दो दिलों की धड़कन में एक बात नज़र आई; दिल तो उनका धड़का पर आवाज़ इस दिल की आई!
छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह, कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे;
मदहोश हो जाऊं तेरे प्यार में इस तरह, कि होश भी आने की इजाज़त मांगे!
जब कोई इतना खास बन जाए
उसके बारे मे ही सोचना एहसास बन जाए
तो माँग लेना खुदा से उसे ज़िंदगी के लिए
इससे पहले के वो किसी ओर की साँस बन जाए