ये हालत हमारी हो गई तुमसे मिलने के बाद
जिन्दगी प्यारी हो गई है तुमसे मिलने के बाद
हर चीज में ऐक अजब रंग है महोब्बत का
हर चीज पराई हो गई है तुमसे मिलने के बाद

क्यों चुपके से वो लोग उतर जाते हैं दिल में
जिनसे कभी किसमत के सितारे नहीं मिलते
प्यार के भंवर में ये कह के छोड दिया
कि कभी नदियों के दोनो किनारे नहीं मिलते

कभी मुस्कारा के रोये कभी रो के मुस्काये
जब भी तेरी याद तब तुजे भुला के रोये
एक तेरा नाम था जिसे हजार बार लिखा
जितना लिख के खुश होवे उस से ज्यादा मिटा के रोये

खिड़की से झांकता हूँ मै सबसे नज़र बचा कर
बेचैन हो रहा हूँ क्यों घर की छत पे आ कर
क्या ढूँढता हूँ जाने क्या चीज खो गई है
इन्सान हूँ शायद मोहब्बत हमको भी हो गई है

दवा है दर्द सीने में दवा उसकी दवा दी है ऐ मेरी रानी तुने मुझे किसकी सजा दी है
माना की तुने मुझे छोड़ दिया सारी जिन्दगी के लिए फिर भी खुदा से तेरे हँसने की दुआ की है

कौन कहता है हम उसके बिना मर जायेंगे
हम तो दरिया है समंदर में उतर जायेंगे
वो तरस जायेंगे प्यार की एक बून्द के लिए
हम तो बादल है प्यार के…किसी और पर बरस जायेंगे

अजब हालात थे यूँ दिल का सौदा हो गया आख़िर
मोहब्बत की हवेली जिस तरह नीलाम हो जाये
मुझे मालूम है उस का ठिकाना फिर कहाँ होगा
परिंदा आसमाँ छूने में जब नाकाम हो जाये

नजर ने नजर से मुलाक़ात कर ली; रहे दोनों एक दम खामोश पर फिर भी बात कर ली; कुछ समय बाद मोहब्बत की फ़िज़ा को तब जाना; जब खुद को अकेला पाया और तब मेरी इन आँखों ने रो-रो के बात कर ली।

दोस्ती नज़रों से हो तो उसे कुदरत कहते हैं
सितारों से हो तो उसे जन्नत रहते है
हुसन से हो तो उसे महोब्बत कहते है
और दोस्ती आप जैसे दोस्त से हो तो उसे किस्मत कहते है

कोई नहीं डांटता किसी को मुझ पर प्यार
नहीं आता
अब वो स्कूल जाने के नाम पर बुखार नहीं आता
सुबह सुबह आ जाते थे खेलने के लिए बुलानेअब
तो मिलने को भी कोई यार नहीं आता...

कोई रूठा हुआ शख्स आज बहुत
याद आया.....
><
एक- गुजरा हुआ वक्त आज बहुत
याद आया.....
><
छुपा लेता था जो मेरे दर्द को सीने
मे अपने.....
><
आज- फिर दर्द हुआ तो वह बहुत
याद आया.....

वो कहते हैं दिल पे भरोसा इतना नहीं करते,
हम कहते हैं महोब्बत में सोचा नहीं करते,
वो कहते हैं नज़रों से दूर पर दिल के पास हुँ,
हमने कहा सपनो से दिल को बहलाया नहीं करते

क्या नशा है इश्क आज तक समझ ना पाये हम,
उन नशीली आँखों में कहीं हो ना जाऐं गुम,
युँ तो इश्क समझ नहीं आता ना जाने क्या बला थी ये,
कि जुदा होने पे उनकी ये आँखे हो गई है नम..
...

किसी ने मुझसे पुछा की :
"तुम इतने खुश कैसे
रेह लेते हो…??"
तो मेने कहा :-
"मैनें ज़िन्दगी की गाड़ी
से वो साइड ग्लास
ही हटा दिया,
जिसमे पीछे छूटे रास्ते नज़र आते हैं..!

सबके दिल की कहानी बयान करती है
महोब्बत दिवानों को सिर्फ बदनाम करती है
इस बदनामी के बावजूद जो भी यहाँ महोब्बत करता है
उन्हीं दिवानो को मरने के बाद दुनियाँ सलाम करती है