क्या कहूँ कितना मुश्किल है
जिसके लिए जीना उसी के बगैर जीना

ज़िन्दगी भर के इम्तिहान के बाद
वो नतीजे में किसी और के निकले

यु ही उम्मीद दिलाते है ज़माने वाले
कब लौटकर आते है जाने वाले

क्या कहूँ कितना मुश्किल है
जिसके लिए जीना, उसी के बगैर जीना

इतनी मोहबत करूँगा की तु खुद कहेगी
की देख वो जा रहा मेरा आशिक़

माना कि जीत की आदत है मग़र
रिश्तों में हार जाना बेहतर होता है

हम बने थे तबाह होने के लिए
तेरा छोड़ जाना तो महज़ इक बहाना था

बिना तड़के की दाल और
बिना attitude वाला माल हमे बिलकुल पसंद नहीं है

मेरी हर आह को वाह मिली है यहाँ
कौन कहता है दर्द बिकता नहीं है

ऐसे मत देख पगली ÐiL हार जाएगी
बस अब और मत देख वरना Mummy से मार खाएगी

वजह होती तो मिटा देते
बेवजह था इश्क़, ना रह पाया, ना समझा पाया

"कोई तो है जो हमे "Dua" मे माँग रही है.
वरना ऐसे ही थोडी हम "Single" है...!!"

काश ये मोहब्बत ख्वाब सी होती,
.
बस आँख खुलती और किस्सा खत्म ।

मुझे कहनी है तुमसे इक बात
दास्तान लबो से सुनोगे या निगाहो से

..........कुछ लोग बहुत ही अच्छे होते हैं......
........जैसे आप
मुझे ही देख लें......