ज़ख़्म दे कर ना पूछा करो दर्द की शिद्दत
दर्द तो दर्द होता हैं
ज़ख़्म दे कर ना पूछा करो दर्द की शिद्दत
दर्द तो दर्द होता हैं
कहाँ चल दिए मुझको लिखना सीखा कर
कोई लिख रहा है तुमको याद करके
ज़रा सा रफू करके देखिये ना फ़िर नयी जैसी लगेगी
ज़िन्दगी ही तो है
मनाने का रिवाज़ उसकी किताब में नहीं था
मैं रूठा तो वो चली गयी ...!!!
ए खुदा मुझे प्यार उसी से हो जो
मुझे पाकर प्यार में पागल हो जाए
काश वो आज कसके गले लगा ले मुझे
बहुत थकान सी हो रही है रोते रोते
शेरों को कहना नया शिकारी आया हैं,
या तो हुकूमत छोड़ दे या जीना..
मेरे आँसुओ की गवाही ना लेना
तेरे ज़ुल्मो की कहानी बिखर जायेगी
दुशमन सामने आने से भी डरते थे . . .
और वो पगली दिल से खेल के चली गई....।
हमदर्दियाँ जनाब अब काटती हैं मुझे
खामखा मिज़ाज न पुछा करे कोई
इस तन्हा रात में अजीब सी बात है, लाख
ना चाहने पर भी याद तू आती है !!
ऐ राम तेरे युग का रावण ही अच्छा था
दस चेहरे थे पर सब सामने तो थे..!!
अफवाह थी कि मुझें इश्क हुआ है
लोगों ने पूछ पूछ कर आशिक बना दिया
गर मेरे होंठ पर लग गया तेरे सुर्ख होठों का रंग
तो दाग़ अच्छे है
हमे सिंगल रेहने का शौक नही
हमारा तेवर झेल सके वो आज तक मिली नही