ऐ खुदा मुसीबत मैं डाल दे मुझे
किसी ने बुरे वक़्त मैं आने का वादा किया है

सलीका हो अगर भीगी हुई आँख पढने का
तो बहते हुए आँसू भी अकसर बात करते हैं

तुम्हे कया पता किस दर्द में हुँ में
जो कभी लिया नही उस कर्ज में हुँ में

हम तो फिरते थे उसकी तस्वीर ले लेकर दर बदर
उसे आज तक ना प्यार दिखाना आया

जिन लम्हो का जिक्र आज तू हर एक से करती है
उनसे रुबरु तो हमने कराया था ना

यार सुना है इश्क से तेरी बहुत बनती है
एक एहसान कर उस से मेरा कसूर तो पूछ

जिन लम्हो का जिक्र आज तू हर एक से करती है
उनसे रुबरु तो हमने कराया था ना

रगों मे दौडने फिरने के नहीं हम कायल
जो आॅख से ही न टपके वो आंंसू क्या है

हम तो अब भी खडे है तेरे इनतजार मे,
उसी राह मे बेसबब बेइनतहा मोहब्बत लिए..

प्यार था, मुहब्बत था, इश्क़ था, अदा था,
वफ़ा भी होती तो क़यामत था वो शख़्स

ये आशिको का देश हैं जनाब..!
यहाँ सवेरा सूरज से नहीँ किसी के दीदार से होता

रोने से अगर वो मिल जाये तो,
भगवान की कसम ईस धरती पे सावन की बरसात लगा दूँ..

अभी शीशा हूँ सबकी आँखों में चुभता हूं
जब आईना बनूँगा सारा जहाँ देखेगा

लाजिमी नहीं की आपको आँखों से ही देखुं
आपको सोचना आपके दीदार से कम नहीं

तेरे मुस्कुराने का असर सेहत पे होता है लोग पूछ लेते है..दवा का नाम क्या है !