अमीर होता तो बाज़ार से खरीद लाता नकली
गरीब हूँ इसलीये दील असली दे रहा हु

खो गई वो प्यासी नज़र मेरी तड़प कर ढूंढा करती नज़र तेरी
जाने कहाँ जाने कहाँ

चलती फिरती आँखों से अजां देखी है
मैने ज़न्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है

ना छोड़ना मेरा साथ ज़िन्दगी में कभी
शायद मैं ज़िंदा हूँ तेरे साथ की वजह से

मेरी मोहब्बत भी काले धन की तरह है
छुपा भी नहीं सकते और दिखा भी नहीं सकते

मेरी मोहब्बत भी काले धन की तरह है
छुपा भी नहीं सकते और दिखा भी नहीं सकते

हम थे सिर्फ हम और सिर्फ हम ही थे उनके दिल मैं
ले डुबी हमको हमारी ग़लतफहमी

एक बार फिर से निकलेगे तलाश ऐ इशक मे दुआ
करो यारो इस बार कोई बेवफा ना मिले

काश वो दिन अब और जल्दी आये
जब मन की आखो से अच्छी तरह से तुम्हे निहार सकूं

रात को आजाद हो जाते हैं जाने किस तरह
सारा दिन रखता हूँ मै तो आंसू बाँध कर

ख़ता ये नहीं कि उसने भूला क्यों दिया
सवाल ये है कि वो मुझे अब याद क्यों है

मै जिसकी आंख का काजल बना रहा वर्षो
वो बुंद-बुंद कर ज़मी पर गिरा रहा है मुझ

टुट सा गया है मेरी चाहतो का वजूद
अब कोई अच्छा भी लगे तो हम इजहार नही करते

ना मेरा प्यार कम हूवा ना उस की नफ़रत,
अपना अपना फ़र्ज़ था दोनो अदा कर गये.

अपनी कहे अपनी सुने अपने लिए जिए मरे ,
.
ऐसे सनम से दिल लगाना छोड़ दिया है !