नजर‬ झुका के बात कर ‪पगली‬ जीतने तेरे पास ‪कपडे‬ नही होन्गे
उतने‬ तो मे रोज ‪लफडे‬ करता हुं

गिरे बुज़ुर्ग को उठाने भरे बाजार में कोई नहीं आया
गोरी का रुमाल क्या गिरा पूरा बाजार दौड़ आया

गिरे बुज़ुर्ग को उठाने भरे बाजार में कोई नहीं आया
गोरी का रुमाल क्या गिरा पूरा बाजार दौड़ आया

माना की तुम्हारी एक आवाज़ से भीड़ उभर आती हे
पर पगले हमारी एक ललकार से सारी भीड़ बिखर जाती हे
er kasz

गिरे बुज़ुर्ग को उठाने भरे बाजार में कोई नहीं आया
गोरी का रुमाल क्या गिरा पूरा बाजार दौड़ आया

जब मुझे यक़ीन है के ख़ुदा हमेशा मेरे साथ है,
तो इस से कोई फर्क नहीं पढ़ता कि कौन कौन मेरे खिलाफ़ है

हमारी अदा तो हमेशा मुकुरने की थी
ओये बेवफा..💔
ज़िन्दगी वीरान हो गयी किसी से दिल लगाने के बाद

गाँधी जी ने कहा था, "रिश्वत लेना अन्याय है।"
हमारे अफसर और नेता समझे रिश्वत लेना अन्य आय है।

Hum तो नादान है, क्या समझेगें उसूल मोहब्बत के...
बस उसे चाहना था, उसे चाहते हैं, और उसे ही
चाहेंगे..

तूने हसीन से हसीन चेहरों को उदास किया है ऐ इशक
तू अगर इँसान होता तो तेरा पहला क़ातिल मेँ होता

बहुत बिके आज महंगे गुलाब बाजारों में
चलो इस ही बहाने आज माली का बच्चा पेट भर के खाना तो खाएगा

आंसु निकल पड़े ख्वाब मैं तुझे दुर जाता देख कर
ऑख खुली तो एहसास हुआ इश्क सोते हुए भी रूलाता है

आयें हम शायरो के महफ़िल में तो हमे पता चला ऐ दोस्त
हर वो शख्स अकेला है जिसने कभी मोहोब्बत की थी

शरीफ थे इतने कि कभी कमीज के बटन तक नहीं खोले
मगर ये बिजली बोर्ड वालों ने तो सनी लियोन बना दिया

वक्त का तकाजा हर फर्ज़ को मजबूर करता है
वरना कौन पिता अपनी चाँद सी बेटी को अपने से दूर करता है