हम क्या बताएं हमारे दिल का नसीब हम
जिसको चाहते है उनसे मिलना तो दुर
हर रोज देखना तक किस्मत में नहीं है

दुनिया मे बेवफाओ की कमी नही अब सूरज को देख लो
आता है उशा के साथ रहता है किरण के साथ और जाता है संधया के साथ

अपनी आदतों के अनुसार चलने में इतनी गलतियाँ नहीं होती हैं
जितनी दुनिया का लिहाज रखकर चलने में होती हैं

ིइतना तो दर्द मुझे जिन्दगी तूने दिया ही नहीं था
जितना बदनाम मैने तूझे वाह वाहीया बटोरने के लिए कर दिया

दुश्मन भी हमारी हालत देख कर हँस उठे कहने लगे
जिसका हम कुछ नही कर सके उसका ‪‎मोहब्बत‬ ने क्या हाल कर दिया

मैंने ये सोचकर‪#‎उसकी‬सारी बातो को‪#‎सच‬मान लिया की...❁ ❁ ❁ ❁ ❁ईतनी‪#‎अच्छी‬है तो‪#‎झुठ‬कैसे बोलेगी...____________________________

उसका वादा भी अजीब था कि जिन्दगी भर साथ निभायेंगे
मैंने भी ये नहीं पुछा की मोहब्बत के साथ या यादों के साथ

नज़र चाहती है दीदार करना दिल चाहता है प्यार करना
क्या बतायें इस दिल का आलम; नसीब में लिखा है इंतजार करना

इक आईने की दुकानकी दिवार पर लिखा था,
तेरी पहचान भी न खो जाए कहीं,
इतने चेहरे ना बदल थोड़ी सी शोहरत के लिए..

टूटा तारा देख कर दिल ने कहा मांग ले तू फ़रियाद कोई
मैंने कहा जो खुद टूट रहा है कैसे पूरी करेगा वो मुराद कोई

न सफारी में नज़र आई और न ही फरारी में नज़र आई
जो खुशिया बचपन की दोस्तों के साथ साईकिल की सवारी में नज़र आई

हमारे जैसे बर्बाद दिलो का
# जीना_क्या_और_मरना_क्या .. ..
आज तेरी महफिल से उठे हैं कल दुनिया से उठ
जाएंगे ....
.

"जाते वक्त उसने बङे गुरूर से कहा था -तुम जैसे हज़ार मिलेँगे
मैँने मुस्कराकर कहा मुझ जैसे की ही तलास क्योँ

बेटियाँ इसलिए भी ज्यादा खास होती हैं
क्योंकि माता पिता बेटी को बेटा भी कह लेते हैं मगर बेटे को बेटी नहीं

कफन मे लिपटा देखकर माथा चूम के मेरे दोस्त मुझसे बोले
अरे पागल नऐ कपडे पहन लिये तो क्या अब बात भी नही करेगा