तु जमाने से बगावत तो कर सारि दुनिया से लडने के हमारे इरादे हैं
होगी तु हसीन राजकुमारी तो क्या हुआ हम भी बिगडे शहजादे हैं

तेरी कमी भी है,♡ तेरा साथ भी है.♡ तू दूर भी है,♡ तू पास भी है. ♡खुदा ने यूँ नवाज़ा तेरी मोह्बत से, मुझे गुरुर भी है और नाज़ भी है.. Er kasz

कभी भी लोग आपके बारे में टीका या टिपण्णी करे तो घबराना मत
बस यह बात याद रखना कि हर खेल में दर्शक ही शोर मचाते है खिलाडी नही

अपनी आँखों को बनकर ये ज़ुबान,
कितने अफ़साने सुना लेते है,
जिनको जीना है मोहब्बत के लिए,
अपनी हस्ती को मिटा लेते है ..!
Er kasz

ज़िन्दगी से बस यही गिला है; ख़ुशी के बाद क्यों ये गम मिला है; हमने तो उनसे वफ़ा की थी; पर नहीं जानते थे कि बेवफाई ही वफ़ा का सिला है।

तेरे हर दुख को अपना बना लूँ
तेरे हर गम को दिल से लगा लूँ
मुझे करनी आती नहीं चोरी वरना
मैं तेरी आँखों से हर आँसू चुरा लूँ

कभी करीब तो कभी जुदा है तू; जाने किस-किस से खफा है तू; मुझे तो तुझ पर खुद से ज्यादा यकीं था; पर ज़माना सच ही कहता था कि बेवफ़ा है तू।

सड़क पर बारात चल रही हो और सामने से बस आ जाये तो
बारात में से 15 लोग तुरुन्त ट्रैफिक पुलिस के हवलदार की भूमिका में आ जाते हैं

कभी करीब तो कभी जुदा था तू; जाने किस-किस से ख़फ़ा है तू; मुझे तो तुझ पर खुद से ज्यादा यकीन था; पर ज़माना सच ही कहता था कि बेवफ़ा है तू।

​आग दिल में लगी जब वो खफा हुए;​​महसूस हुआ तब ​ ​जब वो जुदा हुए​;​​करके वफ़ा कुछ दे न सके वो​​​पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफा हुए।

कहते है ऊपर वाले ने हर किसी
के लिए किसी न किसी को बनाया है..
कही मेरे वाली ने आत्महत्या तो
नहीं करली…” “
मिलही नहीं रही...

अपने दिल को आखिर दुखाना हे, और बहारो में घर सजाना हे तो
मोहब्बत अक्सर बेवफा से करो, अगर ज़िन्दगी में मोहब्बत को आजमाना हे.
=RPS

हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला; हम को जो भी मिला बेवफा यार मिला! अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी; हर कोई अपने मकसद का तलबगार मिला!

दूरियाँ बढ़ाने को जब दिल मचलने लगे
किसी और का साथ रास आने लगे
तन्हाई में ठहर कर तलाशना मुझे
जब भी हर ओर अँधेरा सा छाने लगे

वो तो दिवानी थी मुझे तन्हां छोड़ गई; खुद न रुकी तो अपना साया छोड़ गई; दुख न सही गम इस बात का है; आंखो से करके वादा होंठो से तोड़ गई।