बड़ी ही ताकत थी उनके अल्फ़ाज़ में यारों
पत्थर सा दिल मेरा पल भर में चूर कर दिया
बड़ी ही ताकत थी उनके अल्फ़ाज़ में यारों
पत्थर सा दिल मेरा पल भर में चूर कर दिया
अब नींद से कहो हम से सुलह कर ले फ़राज़; वो दौर चला गया जिसके लिए हम जागा करते थे!
मोहब्बत के हवाले से बहुत जालिम हो तुम ,
तोड़ देते हो मुझें अपने वादें की तरह
ख्वाईशे कम पड गई तो ख्वाबो को जुटा दीया
कुछ वो लुट गए कुछ हमने खुद लुटा दिया
मोह्हबत का सबसे कमज़ोर पहलु ये है कि
ये किसी घटिया इंसान के साथ भी हो सकती है
तेरी बेवफाई ने मेरा ये हाल कर दिया है
मैं नहीं रोती लोग मुझे देख कर रोते हैं
मैंने उसे कभी हासिल ही नहीं किया
फिर भी हर लमहा लगता है कि मैंने उसे खो दिया
ज़रा देखना दरवाज़े पे कोई कुछ देने आया है
ज़ख्म हो तो रख लेना इश्क़ हो तो रफा दफा
हाल भी पूछा तो इन आँखों में आँसू आ गए
ज़िन्दगी के हादसे तस्वीर बन कर याद आ गए
तुझ को पा कर भी न कम हो सकी बे-ताबी-ए-दिल; इतना आसान तेरे इश्क़ का ग़म था ही नहीं।
नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं रात भर
कसूर तो उस चेहरे का है जो सोने नही देता
जी तो चाहता है चीर के रख दूं तुझे ए दिल
न तूं रहे तुझमे और न मोहब्बत रहे मुजमे
तहज़ीब में भी उसकी क्या ख़ूब अदा थी..
नमक भी अदा किया तो ज़ख़्मों पर छिड़ककर..
वो जिधर देख रहे हैं सब उधर देख रहे हैं
हम तो बस देखने वालों की नजर देख रहे हैं
उसकी हर गलती माफ हो जाती है,
जब वो मुस्कुरा कर पुछती है
करवु छे आजे....?...😜
😜😜