हर तमाशाई फक़त साहिल से मंज़र देखता; कौन दरिया को उलटता कौन गौहर देखता। Translation: फक़त : सिर्फ गौहर : मोती

​वो जान गया हमें दर्द में भी मुस्कुराने की आदत है; इसलिए वो रोज़ नया दुःख देता है मेरी ख़ुशी के लिए।

बहुत अजीब हैं ये बंदिशें मोहब्बत की;कोई किसी को टूट कर चाहता है; और कोई किसी को चाह कर टूट जाता है।

तेरे गुरूर को देखकर तेरी तमन्ना ही छोड़ दी हमने
जरा हम भी तो देखे कौन चाहता है तुम्हे हमारी तरह

खता मेरी नही बहकने मे तेरी गजरे की खूशबू
तेरी पायल की छनछन तेरी चूडियो की खनक ने बहका दिया मुझे

साँसों के सिलसिले को ना दो ज़िन्दगी का नाम मेरे दोस्त
जिन्दा रहने के बावजूद भी मर जाते है कई लोग

जरूरी नही हर समय जुबा पर भगवान का नाम आये |वो लम्हा भी भक्ति का होता हैजब इन्सान इन्सान के काम आये ||

तुम खुश-किश्मत हो जो हम तुमको चाहते है वरना
हम तो वो है जिनके ख्वाबों मे भी लोग इजाजत लेकर आते है

जिसे शिद्दत से चाहो वो मुद्दत से मिलता है
बस मुद्दत से ही नहीं मिला कोई शिद्दतसे चाहने वाला
Er kasz

जिसे शिद्दत से चाहो वो मुद्दत से मिलता है
बस मुद्दत से ही नहीं मिला कोई शिद्दत से चाहने वाला
G.R..s

मेरा दर्द किसी की हसने की वजह जरुर बन सकता है
लेकिन मेरी हसी किसी के दर्द की वजह नहीं बननी चाहिए!!

ऐ सनम एक तेरी याद है जो लिपटी हुई है मुझसे
वरना मुरझाने के बाद तो फूलो से भी खुशबू जुदा हो जाती है

हज़ारो मैं मुझे सिर्फ़ एक वो शख्स चाहिये
,,
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जो मेरी ग़ैर मौजूदगी मैं, मेरी बुराई ना सुन
सके ll

अख़बार का भी अजीब खेल है सुबह अमीर के चाय का मजा बढाती है
और रात में गरीब के खाने की थाली बन जाती है

किसी शायर से कभी उसकी उदासी की
वजह पूछना
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दर्द को इतनी ख़ुशी से सुनाएगा की प्यार
हो जायेगा