दूरियों से फर्क पड़ता नहीं; बात तो दिलों की नज़दीकियों से होती है; दोस्ती तो कुछ आप जैसों से है; वरना मुलाकात तो जाने कितनों से होती है।

वो मिल जाते हैं कहानी बनकर; दिल में बस जाते हैं निशानी बनकर; जिन्हें हम रखते हैं आँखों में; जाने वो क्यों निकल जाते हैं पानी बनकर।

तमाम उम्र ज़िंदगी से दूर रहें आपकी; ख़ुशी के लिए अपनी ख़ुशी से दूर रहें; अब इससे बढ़कर वफ़ा की सज़ा क्या होगी; कि आपके होकर भी आपसे दूर रहे।

दर्द में कोई मौसम प्यारा नहीं होता; दिल हो प्यासा तो पानी से गुजारा नहीं होता; कोई देखे तो हमारी बेबसी; हम सबके हो जाते पर कोई हमारा नहीं होता!

कुछ पल की ख़ुशी आपके साथ में थी; ऐसी कोई लकीर हमारे हाथ में होती; दूर रहकर भी आपको याद करते हैं हम; शायद कोई बहुत प्यारी सी बात हमारी मुलाक़ात में थी।

गिला आपसे नहीं कोई; गिला अपनी मज़बूरियों से करते हैं; आप आज हमारे करीब ना सही; मोहब्बत तो हम आपकी दूरियों से भी करते हैं।

दूरियों से फर्क पड़ता नहीं है बात तो दिलों की नज़दीकियों से होती है; दोस्ती तो कुछ ख़ास आप जैसे से ही है वरना मुलाक़ात ना जाने कितनों से होती है।

दिल के दर्द को छुपाना कितना मुश्किल है; टूट के फिर मुस्कुराना कितना मुश्किल है; किसी के साथ दूर तक जाओ फिर देखो; अकेले लौट के आना कितना मुश्किल है।

बादल कितने खुशनसीब हैं दूर रहकर भी ज़मीन पर बरसते हैं; हम कितने बदनसीब हैं पास रहकर भी मिलने को तरसते हैं।

बहेंगी जब सर्द हवाएं; हम खुद को तनहा पाएँगे; एहसास तुम्हारे साथ का; हम कैसे महसूस कर पाएँगे।

अब अगर जुबान से नाम लेते हैं; तो इन आँखों में आँसू आ जाते हैं; कभी घंटो बातें किया करते थे; और अब एक लफ्ज़ के लिए तरस जाते हैं।

काश वो पल संग बिताये न होते; जिनको याद कर आज ये आँसू आये न होते; अगर इस तरह उनको मुझसे दूर ले जाना था; तो इतनी गहराई से दिल मिलाये न होते।

दूरियों की न परवाह कीजिए; दिल जब भी पुकारे हमें बुला लीजिए; हम ज़्यादा दूर नहीं आपसे; बस अपनी आँखों को पलकों से मिला लीजिए।

तनहा रहना तो सीख लिया हमने; पर खुश कभी ना रह पायेंगे; तेरी दूरी तो फिर भी सह लेता है ये दिल; पर तेरी मोहब्बत के बिन जी ना पायेंगे!

वो जो हमारे लिए ख़ास होते हैं; जिनके लिए दिल में एहसास होते हैं; चाहे वक़्त कितना भी दूर कर दे उन्हें; पर दूर रहकर भी वो दिल के पास होते हैं।