उस वक्त दिल कितना मजबूर होता है; जब कोई किसी की यादों में चूर-चूर होता है; रिश्ता क्या था पता चलता है तब; जब कोई निगाहों से बहुत दूर होता है।

गलतियों से जुदा तु भी नहीं मैं भी नहीं; दोनों इंसान हैं ख़ुदा तु भी नहीं मैं भी नहीं; गलतफहमियों ने कर दी दोनों में पैदा दूरियां; वरना फितरत का बुरा तु भी नहीं था मैं भी नहीं!

तमाम उम्र ज़िंदगी से दूर रहे; आपकी ख़ुशी के लिए अपनी ख़ुशी से दूर रहे; अब इससे बढ़कर वफ़ा की सज़ा क्या होगी; कि आपके होकर भी आप से दूर रहे।

तुम पास हो तो तुझपे प्यार आता है; तुम दूर हो तो तेरा इंतज़ार सताता है; क्या कहें इस दिल की हालत; तुझसे दूर होकर दिल बेक़रार हो जाता है।

यादों में हम रहें हमेशा यही एहसास रखना; नज़रों से दूर पर दिल के पास रखना; हम यह नहीं कहते कि साथ रहो; दूर से ही पर दुआयों में याद रखना।

बनाने वाले ने दिल कांच का बनाया होता; तोड़ने वाले के हाथ में जख्म तो आया होता; जब भी देखता वो अपने हाथों को; उसे हमारा ख्याल तो आया होता।

जो जितना दूर होता है नज़रों से उतना ही वो दिल के पास होता है मुश्किल से भी जिसकी एक झलक देखने को ना मिले वही ज़िंदगी मे सबसे ख़ास होता है|

अगर ज़िद्द तुम्हारी रुठने की है; तो हमारी ज़िद्द भी तुम्हें मनाने की है; तुम लाख कोशिश करो हमसे दूर जाने की; हमारी कोशिश बस ये दूरियां मिटाने की है।

रिश्तों में दूरियां तो आती रहती हैं; फिर भी दूरियां दिलों को मिला देती हैं; वो रिश्ता ही क्या जिसमें नाराज़गी ना हो; पर सच्ची दोस्ती दोस्तों को मना लेती है।

अभी कुछ दूरियां तो कुछ फांसले बाकी हैं; पल-पल सिमटती शाम से कुछ रौशनी बाकी है; हमें यकीन है कि कुछ ढूंढ़ता हुआ वो आयेगा ज़रूर; अभी वो हौंसले और वो उम्मीदें बाकी हैं।

आँखों के सागर में ये जलन है कैसी; आज दिल को तड़पने की लगन है कैसी; बर्फ की तरह पिघल जाएगी जिंदगी; ये तेरी दूर रहने की कसम है कैसी।

मैं उससे दूर चला तो आया हूँ; मगर अभी तक उसे ना भूल पाया हूँ; जिक्र किस से करूँ तेरी वफाओं का मैं; इस अजनबी शहर में भटकता साया हूँ।

दिल तोड़ना शायद उनकी आदत सी हो गयी है; वरना वो तो फूल भी नहीं तोड़ते थे; आज हमसे दूर-दूर से रहते हैं वो; एक वक़्त था जब साथ नहीं छोड़ते थे वो!

आपसे दूर जाने का इरादा भी ना था; सदा साथ रहने का वादा भी ना था; आप भुल जाओगे हमे ये तो जानते थे; पर इतनी जल्दी भुल जाओगे ये अंदाजा ना था।

दूरियां ही दोस्तों को नज़दीक लाती हैं; दूरियां ही एक दूजे की याद दिलाती हैं; दूर रहकर है करीब दोस्त कितना; दूरियां ही इस बात का एहसास दिलाती हैं।