कहाँ से लाऐँ अपनी बेगुनाही के पक्के सबूत..!!!
दिल,दिमाग,नजर सब कुछ तो तेरी कैद मेँ है।
=RPS

आ लिख दूँ कुछ तेरे बारे में
मुझे पता है कि तू रोज़ ढूँढ़ता है खुद को मेरे अल्फाज़ों में
G.R..s

मुझे कुछ अफ़सोस नहीं कि मेरे पास सब कुछ होना चाहिए था
मै उस वक़्त भी मुस्कुराता था जब मुझे रोना चाहिए था

मत कर नफरत मुझसे इतनी मै भी तेरी तरह इन्सान हू
फर्क इतना है तुम महफिलो की रोनक हो और में तन्हाई का बादशाह

दिल तोड़ के जाने वाले सुन !
दो और भी रिश्तें बाक़ी हैं
एक सांस की डोरी अटकी है
एक प्रेम का बंधन बाक़ी है

उसने कहा मेरा हाथ मत पकड मेरे भाइयो के पास हथीयार बहुत है
मेने कहा पगली डर मत तेरे यार पर जान देने बाले यार भी बहुत है

दलीलें झूठ की ही होती है
सच खुद अपना वकील होता है..

इतनी मनमानियाँ भी अच्छी नहीं होती
तुम सिर्फ अपने ही नहीं मेरेे। भी हो

चले जायेंगे तुझे तेरे हाल पर छोड़कर,कदर क्या होती है ये तुझे वक़्त सिखाएगा

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो;
ना जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए।

मिल सके आसानी से उसकी ख्वाहिश किसे है
ज़िद तो उसकी है जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं

कल भी हम तेरे थे…!!!आज भी हम तेरे है…!!!बस फर्क इतना है
पहले अपनापन था अब अकेलापन है…

ठान लिया था कि अब और शायरी नहीं लिखेंगे
पर उनका पल्लू गिरा देखा और अल्फ़ाज़ बग़ावत कर बैठे

कोई इतना अमीर नही की अपना पुराना वक्त खरीद सके
कोई इतना गरीब नही की अपना आने वाला वक्त न बदल सके

मौत को भी जीना सिखा देंगे;
बुझी जो शमा उसे जला देंगे;
जिस दिन हम जाएंगे दुनिया से;
एक बार तो दुश्मनों को भी रुला देंगे।