तलवार कि धार से ज्यादा हमारी जुबान चलति हें
मौत का ख्वाब क्या दिखाता हे वो तो खुद हमसे डरती हे

झूठा अपनापन तो हर कोई जताता है.
वो अपना ही क्या जो पल-पल सताता है
यकीन न करना हर किसी पर
क्योंकि करीब है कितना कोई
यह तो वक्त ही बताता है.
=RPS

जो लोग दर्द को समझते हैँ
वो कभी भी दर्द की वजह नहीँ बनते

भरी बरसात में उड़ के दिखा माहिर परिंदे
सूखे मौसम में तो तिनके भी सफ़र कर लेते हैं

तुम खुश-किश्मत हो जो हम तुमको चाहते है वरना
हम तो वो है जिनके ख्वाबों मे भी लोग इजाजत लेकर आते है

बड़े अनमोल हे ये खून के रिश्ते इनको तू बेकार न कर

मेरा हिस्सा भी तू ले ले मेरे भाई घर के आँगन में दीवार ना कर

वो तो दिवानी थी मुझे तन्हां छोड़ गई
खुद न रुकी तो अपना साया छोड़ गई
दुख न सही गम इस बात का है
आंखो से करके वादा होंठो से तोड़ गई

दोस्ती हर चहरे की मीठी मुस्कान होती है
दोस्ती ही सुख दुख की पहचान होती है
रूठ भी गऐ हम तो दिल पर मत लेना
क्योकि दोस्ती जरा सी नादान होती है

इश्क का धंधा ही बंद कर दिया साहेब
मुनाफे में जेब जले और घाटे में दिल

चीर कर बहा दो लहू, दुश्मन के सीनेका...
यही तो मजा है, हिन्दू होकर जीने का..!!!

हवा से कह दो कि खुद को आजमा के दिखाये बहुत
चिराग बुझाती है एक जला के दिखाये

मत पूछ ईमानदारी का हाल इस दुनिया में ऐ ग़ालिब
ईमान बेचकर ईमानदार बनते है लोग यहाँ

प्यास बुझानी है तो उड़ जा पंछी शहर की सरहदों से दूर,
यहाँ तो तेरे हिस्से का पानी भी प्लास्टिक की बोतलों में बंद है..

मंज़िल भी नहीं ठिकाना भी नही वापस उनके पास जाना भी नहीं
मैंने ही सिखाया था उन्हें तीर चलाना और अब मेरे सिवा उनका कोई निशाना भी नहीं

जब उसने मुझसे कहा तुम्हारे दोस्त अच्छे नहीं
तब हम थोडा मुस्कुराये ओर कहा के पगली तेरी इतनी तो औकात नहीं
की तु मेरे दोस्तों की औकात बता सके
दिल तुझे दीया हैं लेकिन जान आज भी दोस्तो के लिए ही है