दिल मेरा कूछ टूटा हुआ सा है
उससे कूछ रुठा हुआ सा है
मेरी बहादुरी के किस्से मशहुर थे शहर में
तुझे खो देने के डर ने कायर बना दिया
साथ जब भी छोड़ना तो मुस्कुरा कर छोड़ना
ताकि दुनिया ये ना समझे हम में दूरी हो गई
हमारे बाद नहीँ आएगा उन्हें चाहत का मजा
वो लोगों से कहते फिरेंगे मुझे चाहो उनकी तरह
गुलाम हूँ अपने घर के संस्कारो का वरना
लोगो को उनकी औकात दिखाने का हुनर आज भी रखता हूँ
नाम और बदनाम में क्या फर्क है
नाम खुद कमाना पड़ता है और
बदनामी लोग आपको कमा के देते हैं
जानते हो मोहब्बत किसे कहते है
किसी को सोचना फिर मुस्कुराना
और फिर आँसू बहाते हुये सो जाना
पलकों में आँसु और दिल में दर्द सोया है
हँसने वालो को क्या पता रोने वाला किस कदर रोया है
ये तो बस वही जान सकता है मेरी तनहाई का आलम
जिसने जिन्दगी में किसी को पाने से पहले खोया है
वो मुजे नफ़रत करें या प्यार करें
मैं तो एक दीवाना हूँ
जो लोग दर्द को समझते हैं
वो लोग कभी भी दर्द की वज़ह नही बनते
ताकत के संग नेक इरादे भी रखना
वरना ऐसा क्या था जो रावण हार गया
कोशिश करते करते कामयाब हो जाऊंगा
एक दिन नालायक से नायाब हो जाऊंगा