वो जिस गली की रानी होने का गुरुर करती हे
नादान हे इतना भी नही जानती
उस सहेर के तो हम बादशाह थे
फर्क सिर्फ इतना था की हमने लोगो के दिलों पे राज किया

दिल में छिपी यादों से मैं सवारूँ तुझे,
तू दिखे तो अपनी आँखों मै उतारू तुझे !
तेरे नाम को अपने लबों पर ऐसे सजाऊ,
गर सो भी जाऊ तो ख्वाबो में पुकारू तुझे !!

मेरी महोब्बत की बस इतनी कहानी है
एक टूटीहुई कश्ती और सूखा हुआ पानी है
एक गुलाब उनकी किताब में दम तोड़ चुका
और उनको याद ही नहीं कि यह किसकी निशानी है

यकीन था कि तुम भूल जाओगे मुझे.,
खुशी है कि तुम उम्मीद पर खरे उतरे.!
पूछा जो हमने किसी और के होने लगे हो क्या ?
वो मुस्कुरा के बोले … पहले तुम्हारे थे क्या .?

" बुलबुल के परो में बाज़ नहीं होते,
कमजोर और बुजदिलो के हाथो में राज नहीं होते ,
जिन्हें पड़ जाती है झुक कर चलने की आदत ,
उन सिरों पर कभी ताज नहीं होते। "

लोग हमेंशा मुजसे पुछते है भाई तु कभी भी स्माईल नहि करता क्यों
मै भी ans मे कह देता हू जीस दिन ईस भाई ने स्माईल कर दि ना
उस दिन तेरी वाली भी तुजे भाई हि कहेगी

परिन्दों को नहीं दी जाती तालीम उड़ानों की
वो खुद ही तय करते हैं मंजिल आसमानों की
रखते हैं जो होसला आसमां को छूने का
उनको नहीं होती परवाह गिर जाने की

वो हर बार अगर रूप बदल कर न आया होता,
धोका मैने न उस शख्स से यूँ खाया होता,
रहता अगर याद कर तुझे लौट के आती ही नहीं,
ज़िन्दगी फिर मैने तुझे यु न गवाया होता।

आँखों से आंसू न निकले तो दर्द बड जाता है
उसके साथ बिताया हुआ हर पल याद आता है
शायद वो हमें अभी तक भूल गए होंगे
मगर अभी भी उसका चेहरा सपनो में नज़र आता है

कौन कहता है इश्क़ में बस इकरार होता है
कौन कहता है इश्क़ में बस इंकार होता है
तन्हाई को तुम बेबसी का नाम ना दो
क्यूंकि इश्क़ का दूसरा नाम ही इंतज़ार होता है.

प्यार करने वालो की किस्मत ख़राब होती हैं हर वक़्त इन्तहा की घड़ी साथ होती हैं
वक़्त मिले तो रिश्तो की किताब खोल के देखना दोस्ती हर रिश्तो से लाजवाब होती हैं

कभी मुस्कारा के रोये कभी रो के मुस्काये
जब भी तेरी याद तब तुजे भुला के रोये
एक तेरा नाम था जिसे हजार बार लिखा
जितना लिख के खुश होवे उस से ज्यादा मिटा के रोये

खिड़की से झांकता हूँ मै सबसे नज़र बचा कर
बेचैन हो रहा हूँ क्यों घर की छत पे आ कर
क्या ढूँढता हूँ जाने क्या चीज खो गई है
इन्सान हूँ शायद मोहब्बत हमको भी हो गई है

कभी रो के मुस्कुराए कभी मुस्कुरा के रोए
जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए
एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा
जितना लिख के खुश हुए उस से ज्यादा मिटा के रोए

कोई रूठा हुआ शख्स आज बहुत
याद आया.....
><
एक- गुजरा हुआ वक्त आज बहुत
याद आया.....
><
छुपा लेता था जो मेरे दर्द को सीने
मे अपने.....
><
आज- फिर दर्द हुआ तो वह बहुत
याद आया.....