,,, हमारे बिगड़ने का आलम क्या बताये ग़ालिब
पहले घर जाते वक़्त "PARLE G" खाते हुए जाते थे, और अब "बाबा इलाइची" खा के जाना पड़ता है😎😎😎

जो दिल का दर्द भुलाने के लिए शराब पीते है वो कभी साथ में नमकीन नही खाते
क्योंकि नमकीन तो दिलासा देने वाले ही खा जाते हैं

बहता पानी ही पत्थरों पर निशान छोड़ता है
पर पत्थर पानी पर कोई निशान नहीं छोड़ता है
इसलिए कहते हैं चलने का नाम ज़िन्दगी है

रातें गुमनाम होती है दिन किसिके नाम होता है
हम ज़िंदगी कुछ इस तरह जीते है
की हर लम्हा सिर्फ़ दोस्तों के ही नाम होता है

ना कर यु दीवानगी ऐ दीवाने आशीक इश्क ने बहुतो का दील तोडा है
मत भुल वो घडी तेरे दर्द की इस इश्क ने पेहले भी तेरा साथ छोडा है

जो तू चाहे वो तेरा हो रोशन रातें और खूबसूरत सवेरा हो
जारी रहें हमारी दोस्ती का सिलसिला कामयाब हर मंजिल पर दोस्त मेरा हो

ज़िन्दगी में जब आये खुशियाँ तो उसे चखना तुम मिठाई की तरह
मुमकिन है गम भी आयेंगे यहाँ तो उसे भी कुबूल करना तुम दवाई की तरह

दर्द कितना खुशनसीब है जिसे पा कर लोग अपनों को याद करते हैं
दौलत कितनी बदनसीब है जिसे पा कर लोग अक्सर अपनों को भूल जाते है

कौन कहता है कि सिर्फ मोहब्बत में ही
दर्द होता है, कमबख्त....
पेन्ट की चेन मे पपुडी आ जाये
तो भी जान निकल जाती है....
😂😂😝😝😜

यूं मेरी मजबूरियो को मेरी बदकिस्मती मत समझना
क्योंकि हम उन राहो से भी गुजरे है जहां किस्मत तो क्या साया भी साथ नहीं देता

सड़क पर बारात चल रही हो और सामने से बस आ जाये तो
बारात में से 15 लोग तुरुन्त ट्रैफिक पुलिस के हवलदार की भूमिका में आ जाते हैं

एक बात सुन पगली आऊंगा तेरी गली में ही चाहे देर क्यों ना हो जाए लेकिन
मोहब्बततो तुझी से करुंगा फिर चाहे जेल क्यों ना हो जाए

हमे क्या पता था की मोहब्बत की राहों में गम ही गम मिलते हैं
ऐ सनम अगर हमे पता होता तो हम यु अपनी ज़िन्दगी तुम्हारे नाम न करते

कहते है ऊपर वाले ने हर किसी
के लिए किसी न किसी को बनाया है..
कही मेरे वाली ने आत्महत्या तो
नहीं करली…” “
मिलही नहीं रही...

यह माना कुछ चीज़ें तुम से भी ज्यादा जरुरी थीं तुम से भी ज्यादा ज़रुरी हैं
फिर भी न जाने क्यों तुम्हारी ज़रुरत कम नहीं होती