कई रास्तों पर चलकर देखा सब जा पहुंचे उसी पड़ाव पर
न गुजरे जो उस पड़ाव से मिल जाए तो चलूँ उस रास्ते पर

मुझे रुला कर सोना तो तेरी आदत बन गई है
जिस दिन मेरी आँख ना खुली बेशक तुझे नींद से नफरत हो जायेगी
G.R..s

सोचते‬ हैं, जान‬ अपनी ‪ ‎उसे‬ मुफ्त ‎ही‬ दे दें‬,
इतने‬ मासूम ‪से‬ खरीदार‬ से ‪ ‎क्या‬ लेना ‪देना‬..

हर तन्हा रात में इंतज़ार है उस शख़्स का
जो कभी कहा करता था तुमसे बात न करूँ तो रात भर नींद नहीं अाती

मैं मशहूर होके भी क्या करूँ ए दोस्त इस बस्ती में
मेरे सारे ख्वाब बहा दिए मैंने रख के एक डूबती कश्ती में

हम वो हैं जो आँखों में आँखें डाल के सच जान लेते हैं
तुझसे मुहब्बत है बस
इसलिये तेरे झूठ भी सच मान लेते हैं...!

कभी पसंद न आये साथ मेरा तो बता देना ए दोस्त
हम दिल पर पत्थर रख के तुम्हे गोली मार देंगे
बड़े आये नापसंद करने वाले

भूल कर तो देखो एक बार हमें जिंदगी की हर अदा तुमसे रूठ जाएगी
जब भी सोचोगे अपनों के बारे में तुम्हे हमारी याद जरुर आएगी

बचपन में पिताजी के बटुए में हमेशा मेरी जरूरतों से ज्यादा पैसे रहते थे
ये कारनामा मैं कभी अपने बटुए से नहीं दिखा पाया।

दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है
आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है

हँसी ने लबों पर आना छोड़ दिया; ख्वाबों ने पलकों पे आना छोड़ दिया; आती नहीं हैं तब से हिचकियाँ भी; आप ने जब से याद करना छोड़ दिया।

दर्द कितना खुशनसीब है जिसे पा कर लोग अपनों को याद करते हैं
दौलत कितनी बदनसीब है जिसे पा कर लोग अक्सर अपनों को भूल जाते है

मोहब्बत में किसी का इंतजार मत करना; हो सके तो किसी से प्यार मत करना; कुछ नहीं मिलता मोहब्बत कर के; खुद की ज़िन्दगी बेकार मत करना।

​दर्द से अब हम खेलना सीख गए;​​हम बेवफाई के साथ जीना सीख गए;​​ क्या बताएं किस कदर दिल टूटा है मेरा​;​​मौत से पहले कफ़न ​ओढ़ कर सोना सीख गए।

दरिया वफाओं का कभी रुकता नहीं; मोहब्बत में इंसान कभी झुकता नहीं; खामोश हैं हम उनकी ख़ुशी के लिए; वो समझते हैं कि दिल हमारा दुखता ही नहीं।