हमें तो कब से पता था के तू बेवफा है
तुझे चाहा इसलिए था की शायद तेरी फितरत बदल जाये
हमें तो कब से पता था के तू बेवफा है
तुझे चाहा इसलिए था की शायद तेरी फितरत बदल जाये
मार ही डाले जो बेमौत, ये दुनिया वाले
हम जो जिन्दा हैं तो जीने का हुनर रखते हैं
Ek musafi
उदासियों के सन्नाटे बड़े एहतराम से रहते मुझ में; अब दिल भी धड़कता है तो शोर लगता है।
यूँ ना खींच मुझे अपनी तरफ बेबस कर के
ऐसा ना हो के खुद से भी बिछड़ जाऊं और तू भी ना मिले
तुझे क्या लगा तु मुझे छोड कर चली जाएगी तो मैं मर जाऊंगा
अरे पगली लडकी है तु OxyGeN नहीं
N.K.G
रोकने की कोशिशें तो खूब की पलकों ने,
पर इश्क़ में पागल थे आँसू,
खुदकुशी करते रहे...!
=RPS
चलो मान लिया हमें मोहब्त करना नही आता
लेकीन ये तो बताओ तूम्हे दिल तोडना किसने सिखाया
हँसकर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर थी मेरी
पर कोई हुनर काम नहीं आता जब तेरा नाम आता है
मेरे दिल से खेल तो रहे हो तुम पर जरा सम्भल के
ये थोडा टूटा हुआ है कहीं तुम्हे ही लग ना जाए
जला के ख्वाबों को देखो हमने जिंदगी आसान कर ली
एक मुट्ठी फिर खाख की चुपके से दामन में भर ली
पगली कहती थी कि वो मेरी रग-रग से वाकिफ है,,,
फिर भी मेरे दिल से निकलने का रास्ता नहीं ढुढ़ पाए...
स्क्रीन टच करने वाली तो हजारों मिली
yarro लेकिन तलाश है मुझे उस छोरी की जो दिल को टचकर जाये
मोहब्बत छोड के हर एक जुर्म कर लेना
वरना तुम भी मुसाफिर बन जाओगे हमारी तरह इन तन्हा रातों के
कुछ ऐसे बंधन होते हैं जो बिन बांधे बंध जाते हैं; जो बिन बांधे बंध जाते हैं वो जीवन भर तड़पाते है।
वही रंजिशें वही हसरतें न ही दर्द-ए-दिल में कमी हुई; है अजीब सी मेरी ज़िन्दगी न गुज़र सकी न खत्म हुई।