दिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जाने
प्यार किसे कहते है वो नादान क्या जाने
हवा के साथ उड़ गया घर इस परिंदे का
कैसे बना था घोसला वो तूफान क्या जाने

उस ‪#‎इंसान‬ पर भरोसा करें जो आपके अंदर तीन बातें जान सके. . .
1- आपकी मुस्कुराहट के पीछे छिपा दुःख।
2- आपके गुस्से के पीछे छिपा प्यार।
3- आपके चुप रहने के पीछे का कारण।
"जो आपकी खामोशी से
आपकी तकलीफ का अंदाजा ना
कर सके,
उसके सामने जुबान से तकलीफ
बयान करना लफ्जों को जाया करना है।"

मेरी नीँदे उड़ाने वाले . . . .
अब तेरे ख्वाब कौन देखेगा .

ऐसे जख्मों का क्या करे कोई
जिन्हें मरहम से आग लग जाए

मुझसे मत पुछा कर ठिकाना मेरा
तुझ में ही लापता हूँ कही !!

किसी के भी पीछे इतना न भागो
की अपनी ही चाल का अंदाजा न हो ...!!!! !

फरियाद कर रही है तरसी हुई निगाह
किसी को देखे हुये अरसा हो गया है

जिंदगी में बेशक हर मौके का फायदा उठाओ
मगर, किसी के ऐतबार का नहीं

यह दुनिया भी कितनी अजीब है दोस्तों
आदमी से भरी आदमी की ही कमी है

अब उस नासमझ को समझाना छोड़ दिया
अब उसकी नासमझी से भी प्यार हो गया

क़ाश कोई ऐसा हो जो गले लगा कर कहे
तेरे दर्द से मुझे भी तकलीफ होती है

पतंग सी है जिंदगी कहा तक जायेगी...
रात हो या उम्र एक न एक दिन कट जायेगी..!!

मैंने भी बदल दिये है, जिन्दगी के उसूल
अब जो याद करेगा बस वही याद रहेगा

लफ्ज...अल्फाज...कागज़ और किताब...!
कहां- कहां रखा हमने तेरी यादों का हिसाब...!!

पगली तेरी ख़ामोशी, अगर तेरी मज़बूरी है,
तो रेहने दे, इश्क़ कोनसा जरुरी है. . .