वो अपनी ज़िंदगी में हुआ मशरूफ इतना;
वो किस-किस को भूल गया उसे यह भी याद नहीं..॥

नरम नरम फूलों का रस निचोड़ लेती है
पत्थर के दिल होते है तितलियों के सीने में

मालूम ही था कुछ नहीं होगा हासील मगर
वो इश्क ही क्या जिसमें खुद को ना गवाया जाऐ

अगर रुक जाये मेरी धड़कन तो इसे मौत न समझना,
अक्सर ऐसा हुआ है तुझे याद करते करते…

मैं कुर्बान हो जाउं मेरे यार की यारी पर...
मेरी दुआ भी वो है, मेरी दवा भी वो है ..
💔💔nik💔💔

मुजे तो प्यार दो बून्द भी नसीब ना हूए
और बदनाम तो एसे हुए जैसे इश्क के बादशाह ही हम है.

क्या लिखूँ अपनी जिंदगी के बारे में दोस्तों
वो लोग ही बिछड़ गए जो हमारी जिंदगी हुआ करते थे

इतनी दूरियां ना बढ़ाओ थोड़ा सा याद ही कर लिया करो
कहीं ऐसा ना हो कि तुम-बिन जीने की आदत सी हो जाए…

तमाम ठोकरें खाने के बाद, ये अहसास हुआ मुझे
कुछ नहीं कहती हाथों की लकीरें
खुद बनानी पङती हैं बिगङी तकदीरें

दिल मे एक शोर सा हो रहा है बिन आप के दिल बोर हो रहा है
बहुत कम याद करते हो आप हमे कही ऐसा तो नही की ये दोस्ती का रिश्ता कमज़ोर हो रहा है

शाम ढलते ढलते साया भी साथ छोड़ देता है
अब और कहाँ किसी का भी ऐतबार रहता है
आज कल वक़्त से निकल जाता हूँ घर के लिए
वहां मेरी तन्हाईओं को मेरा इंतज़ार रहता है

मै उन्हे बदला हुआ दिखता हुँ
कभी वो खुद को भी तो देखे

तुम पुकारो तो एक बार मुझे
मौत की हद से भी लौट अाऊंगा...

सारा जहाँ मिलता है
बस वो नहीं मिलता जिसमे जहाँ मिलता है

जब इंसान अंदर से टूट जाता है
तो बहार से खामोश हो जाता है !!