अगर प्यार में जुदाई न होती तो प्यार की अहमियत समझ में आई न होती; ज़िन्दगी के हर सफर में अगर साथ होता तो मोहब्बत के रास्ते में इतनी गहराई न होती।

रोती हुई आँखो मे इंतेज़ार होता है
ना चाहते हुए भी प्यार होता है
क्यू देखते है हम वो सपने
जिनके टूटने पर भी उनके सच होने का इंतेज़ार होता है

निकलता नहीं है कोई दिल में बस जाने के बाद; दिल दुखता है बिछड़ जाने के बाद; पास जो होता है तो क़दर नहीं होती उसकी; महसूस होती है कमी उनके दूर जाने के बाद।

जिस घड़ी तेरी यादों का समय होता है; फिर हमें आराम कहाँ होता है; हौंसला नहीं मुझमें तुम्हें भुला देने का; काम सदियों का है यह लम्हों में कहाँ होता है।

सामने ना हो तो तरसती हैं ये आँखें; बिन तेरे बहुत बरसती हैं ये आँखें; मेरे लिए ना सही इनके लिए ही आ जाओ; क्योंकि तुमसे बेपनाह प्यार करती हैं ये आँखें।

आपके बिना मेरा जीना कैसा होगा; रह कर दूर आपसे मेरा हाल-ए-दिल कैसा होगा; जब तक ज़िंदा हूँ अपने साथ रहने दो मुझे; ज़रा सोचो आपके बिना मेरा मरना कैसा होगा।

कैसे कहें कि आपके बिन यह ज़िंदगी कैसी है; दिल को हर पल जलाती यह बेबसी कैसी है; न कुछ कह पाते हैं और न कुछ सह पाते हैं; न जाने तक़दीर में लिखी यह आशिकी कैसी है।

वो रोए तो बहुत पर मुझसे मुंह मोड़कर रोए; कोई मजबूरी होगी तो दिल तोड़कर रोए; मेरे सामने कर दिए मेरे तस्वीर के टुकड़े; पता चला मेरे पीछे वो उन्हें जोड़कर रोए!

बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद; मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद; तुझ से मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन; अक्सर ये महसूस हुआ तेरे जाने के बाद।

ए दिल किसी की याद में रोना फ़िज़ूल है
आँसू बड़े अनमोल हैं इन्हे खोना फ़िज़ूल है
रो तू उन के लिए जो तुझ पर निसार है
उन के लिए किये रोना जिन के आशिक़ हज़ार हैं

ग़म में हँसने वालों को कभी रुलाया नहीं जाता; लहरों से पानी को हटाया नहीं जाता; होने वाले हो जाते हैं खुद ही दिल से जुदा; किसी को जबर्दस्ती दिल में बसाया नहीं जाता।

तुझसे दूर अब हम जा नहीं सकते; तुझसे प्यार कितना है यह हम बता नहीं सकते; हमें मालूम है ये ज़िन्दगी है चार दिन की लेकिन; तेरे बिन ये चार दिन तो क्या दो पल भी हम बिता नहीं सकते।

कुछ ही पलों में ज़िन्दगी की तस्वीर बदल जाती है; कुछ ही पलों में ज़िन्दगी की तक़दीर बदल जाती है; कभी किसी को अपना बना कर दूर मत जाना; क्योंकि एक ही जुदाई से किसी की पूरी ज़िन्दगी बिखर जाती है।

क्या गज़ब है उसकी ख़ामोशी; मुझ से बातें हज़ार करती है।

जान मेरी तू क़त्ल कर दे मुझे; पर छोड़ जाने का जुल्म ना करना।