सुहाना मौसम ओर हवा मे नमी होगी
आशुंओ की बहती नदी होगी
मिलना तो हम तब भी चाहेगे आपसे
जब आपके पास वक्त और हमारे पास सासों कि कमी होगी

तुझसे दुरी का अहसास सताने लगा
तेरे साथ गुजरा हर लम्हा याद आने लगा
जब भी तुझे भुलाने की कोशिश की ऐ दोस्त
तू दिल के उतना करीब आने लगा

सुहाना मौसम ओर हवा मे नमी होगी
आशुंओ की बहती नदी होगी
मिलना तो हम तब भी चाहेगे आपसे
जब आपके पास वक्त और हमारे पास सासों कि कमी होगी

समाये तो तुम इस तरह हो मुझमें के अगर खुद को खुरच खुरच कर भी
तुम्हे खुद से अलग करना चाहूँ तो मेरे ख़तम होने के बाद भी जिसम में तुम रह जाओगे

आँखों के सामने हर पल आपको पाया हैं
अपने दिल में सिफॅ आपको ही बसाया हैं
आपके बिना हम जिए भी तो कैसे
भला जान के बिना भी कोई जी पाया हैं

बेताब से रहते हे तेरी याद मे अक्सर रात भर नही सोते तेरी याद मे अक्सर
जिस्म मे दर्द का बहाना सा बना के हम टूट के रोते हे तेरी याद मे अक्सर

प्यार ग़जल है गुनगुनाने के लिए; प्यार नगमा है सुनाने के लिए; ये वो जज़्बा है जो सबको नहीं मिलता; क्योंकि हौंसला चाहिए इसे निभाने के लिए।

प्यार को कहते हैं रब की इबादत है
क्युँ भला इज़हार से डरते हैं लोग
हालात को काबू करने को कहते हैं
जब की किसी का नहीं है इस दिल पे ज़ोर

मैंने रब से कहा वो छोड़ के चली गई;
पता नहीं उसकी क्या मजबूरी थी;
रब ने कहा इसमें उसका कोई कसूर नहीं;
यह कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी।

किसी शायर ने सच ही कहा है कि; मोहब्बत मत करना; लेकिन हो जाए तो इंकार मत करना; निभा सको तो ही प्यार करना; वरना किसी की जिंदगी बर्बाद मत करना।

ना ये महफिल अजीब है, ना ये मंजर अजीब है
जो उसने चलाया वो खंजर अजीब है
ना डूबने देता है, ना उबरने देता है
उसकी आँखों का वो समंदर अजीब है

सच्चे प्यार में निकले आँसू और किसी छोटे बच्चे के आँसू एक सामान होते हैं क्योंकि दोनों को पता है कि दर्द कहाँ है पर किसी को बता नहीं सकते|

ज़िंदगी लंबी है दोस्त बनाते रहो दिल मिले ना मिले हाथ मिलते रहो
ताज महल बनाना तो बहुत कॉस्ट्ली होगा पर हर गली में एक मुमताज़ बनाते रहो

कितनी जल्दी ज़िन्दगी गुज़र जाती है प्यास भुझ्ती नहीं बरसात चली जाती है
तेरी याद कुछ इस तरह आती है नींद आती नहीं मगर रात गुज़र जाती है

महक होती तो तितलियाँ जरूर आती
कोई रोता तो सिसकियाँ जरूर आती
कहने को तो लोग मुझे बुहत याद करते है
मगर याद करते तो हिचकियाँ जरूर आती